spot_img

Russia-Ukraine conflict: काला सागर में आगे बढ़े रूसी युद्धपोत, रूस ने तीन तरफ से यूक्रेन को घेरा

रूस-यूक्रेन के बीच तनाव (Conflict between Ukraine-Russia) हर दिन बढ़ता ही जा रहा है। अब रूसी युद्धपोत काला सागर से (Russian battleship from the Black Sea) यूक्रेन की तरफ बढ़ रहा है।

Aaj Ka Rashifal: आज 03 जून, 2023, को कैसा रहेगा आपका दिन

Moscow: रूस-यूक्रेन के बीच तनाव (Conflict between Ukraine-Russia) हर दिन बढ़ता ही जा रहा है। अब रूसी युद्धपोत काला सागर से (Russian battleship from the Black Sea) यूक्रेन की तरफ बढ़ रहा है। रूस की सेना तीन मोर्चो पर यानी रूसी सीमा, बेलारूस और डोनबास से घेरने के बाद अब रूसी युद्धपोत काला सागर में आगे बढ़ रहे हैं। जल्द ही रूस के छह युद्धपोत यूक्रेन की जल सीमा के नजदीक होंगे। तीन अन्य भी उसी रास्ते पर हैं। इसके बाद यूक्रेन रूसी सेना से पूरी तरह घिर जाएगा। यह युद्धपोत काला सागर में युद्धाभ्यास करेंगे और यह अभ्यास कितने दिन चलेगा, यह स्पष्ट नहीं किया गया है।

रूसी हमला होने की स्थिति में सीमित सैन्य शक्ति वाला यूक्रेन कितनी देर तक रूस की ताकत के आगे टिक पाएगा, इसे लेकर अनुमान लगने शुरू हो गए हैं। विवाद शुरू होने के शुरुआती दिनों में ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अमेरिका समेत पश्चिमी देशों को आगाह कर चुके हैं कि हथियारों के लिहाज से रूस दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है।

इसी बीच युद्ध रोकने के लिए लगातार सक्रिय फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक बार फिर शांति की अपील की है। बर्लिन पहुंचे मैक्रों ने जर्मनी के चांसलर ओलफ शुल्ज से मुलाकात की है। बर्लिन में जर्मनी के चांसलर और पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रजेज डूडा से बातचीत में मैक्रों ने कहा कि हमारा साझा उद्देश्य यूरोप को युद्ध से बचाना है।

नाटो (उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन) और यूरोपीय यूनियन के दो खास देशों-फ्रांस और जर्मनी की कोशिश है कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध न भड़के क्योंकि इससे यूरोप के हित प्रभावित होंगे लेकिन वे पुतिन से इस बाबत कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं ले पाए हैं। पुतिन चाहते हैं कि यूक्रेन को नाटो में शामिल न किए जाने का आश्वासन उसे मिले, तब वह अपनी सेनाएं वापस बुलाएगा।

अमेरिका के नेतृत्व वाला नाटो ऐसा कोई आश्वासन नहीं दे रहा। अमेरिका जान रहा है कि यह यह दुनिया की सदारत का मसला है। इसमें अगर वह पीछे हटा तो अपना ताज गंवा देगा। फिर रूस और चीन मिलकर उसके हितों को पर चोट करते जाएंगे। ऐसे में यूरोप अमेरिका और रूस के बीच फंसा है।

इसी बीच नाटो के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने कहा है कि समय जैसे-जैसे गुजरता जा रहा है, वैसे-वैसे रूसी हमले का खतरा बढ़ता जा रहा है। रूसी हमला होने की स्थिति में यूरोप को होने वाली प्राकृतिक गैस की आपूर्ति बाधित होने का खतरा है। अमेरिका के अनुरोध पर जापान ने अपनी गैस यूरोप को भेजने का फैसला किया है। वहीं, पोप फ्रांसिस ने भी रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ रहे तनाव पर एक बार फिर से चिंता जताई है।

Leave a Reply

Hot Topics

Related Articles

Don`t copy text!