Kabul: अमेरिकी और दूसरे देशों के दबाव (pressure from american and other countries) के चलते तालिबान (Taliban) ने ‘लापता’ 14 महिला कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार तालिबान ने वैश्विक दबाव से निपटने के लिए इन महिला कार्यकर्ताओं को रिहा किया है। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल की महिला जेल से 14 महिलाओं को रिहा किया गया है।
तालिबान के आंतरिक मामलों के मंत्रालय में काउंटर नार्कोटिक बॉडी के डिप्टी मौलेई अब्दुल हक ने कहा है कि रिहा किए गए कैदियों ने सामाजिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों को नहीं करने का वादा किया है। लापता महिला अधिकार कार्यकर्ताओं की दूसरी घटना की रिपोर्ट के बीच तालिबान ने यह कदम उठाया है। महिला कार्यकर्ता जहरा मोहम्मदी और मुरसल अयार दो दिन पहले ही लापता हो गई थीं। करीब दो हफ्ते पहले तमना परयानी और परवाना इब्राहिमखिल भी लापता हो गई थीं।
अफगान महिलाओं के लिए अमेरिका की विशेष दूत रीना अमीरी ने कहा कि तालिबान अगर दुनिया के देशों से वैधता चाहता है तो उसे अफगान लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान करना चाहिए, खासकर महिलाओं के लिए। उन्होंने कहा है कि ये अन्यायपूर्ण नजरबंदी बंद होनी चाहिए। इन महिलाओं और अन्य कार्यकर्ताओं को तुरंत रिहा करना चाहिए। वैश्विक दबाव के आगे तालिबान को झुकते हुए इन महिला कार्यकर्ताओं को रिहा करना पड़ा है।