वॉशिंगटन।
जोसेफ आर बाइडेन जूनियर यानी जो बाइडेन अमेरिकी इतिहास के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति बन गए। वे 78 साल के हैं। कमला हैरिस ने भी उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। 56 साल की कमला हैरिस ने इसी के साथ इतिहास रच दिया। वे पहली महिला, अश्वेत और भारतवंशी उपराष्ट्रपति हैं।
कैपिटल हिल यानी अमेरिकी संसद परिसर में हुई इनॉगरल सेरेमनी में बाइडेन ने तय वक्त से 11 मिनट पहले शपथ ली। उन्होंने 128 साल पुरानी बाइबिल पर हाथ रखकर शपथ ली और अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बन गए। महज 14 दिन पहले कैपिटल हिल में हुई हिंसा का जिक्र भी बाइडेन के भाषण में होता रहा। उन्होंने 22 मिनट में 2381 शब्दों का भाषण दिया। 12 बार डेमोक्रेसी, 9 बार यूनिटी, 5 बार असहमति और 3 बार डर शब्द का इस्तेमाल किया।
बाइडेन के भाषण की 3 अहम बातें
1. कुछ लोगों को लगा था कि वे वॉयलेंस से हमें साइलेंस कर देंगे
बाइडेन ने कहा- अभी कुछ दिन पहले ही हिंसा के जरिए संसद की नींव हिलाने की कोशिश की गई थी। इन लोगों को लगा था कि वे वॉयलेंस के जरिए हमारी इच्छाशक्ति को साइलेंस कर देंगे, लोकतंत्र को रोक देंगे, हमें इस जमीन से खदेड़ देंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ऐसा होगा भी नहीं। ऐसा न आज होगा, न कल होगा। कभी भी नहीं होगा।
2. राष्ट्रपति ने कहा- हो सकता है कि जब मैं एकता की बात करूं तो इन दिनों कुछ लोगों को यह मूर्खताभरी कल्पना लगे, लेकिन मैं जानता हूं कि हमें बांट रही ताकतें बहुत मजबूत हो गई हैं। एकता के बिना अमन नहीं आएगा। इसके बिना तरक्की नहीं होगी। हमने एक बार फिर सीखा है कि लोकतंत्र बेशकीमती है और नाजुक भी है, लेकिन लोकतंत्र यहां कायम है।
3. बाइडेन बोले- 108 साल पहले जब ऐसा ही शपथ समारोह हुआ था, तब हजारों प्रदर्शनकारियों ने राइट टू वोट की मांग कर रही बहादुर महिलाओं का रास्ता रोकने की कोशिश की थी। आज हम देख रहे हैं कि नेशनल ऑफिस के लिए एक महिला ने शपथ ली है। ये हैं उपराष्ट्रपति कमला हैरिस।
तीन पूर्व राष्ट्रपति पहुंचे
बाइडेन के शपथ ग्रहण में आने वाले पूर्व उपराष्ट्रपतियों में बराक ओबामा पत्नी मिशेल के साथ सबसे पहले पहुंचे। उनके बाद बिल क्लिंटन पत्नी हिलेरी के साथ आए। कुछ ही देर बाद ही पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश पत्नी लारा बुश के साथ पहुंचे।
ट्रम्प ने इस समारोह में हिस्सा नहीं लिया। 151 साल में यह पहला मौका है, जब कोई प्रेसिडेंट नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हुआ।