Firozabad: जनपद की फिरोजाबाद सदर सीट पर एक निर्दलीय उम्मीदवार ऐसा भी है जिसने खुद को बेड़ियों से जकड़ा हुआ है और उसके गले में एक कटोरा भी लटका हुआ है। वह मतदाताओं से एक वोट व दस का नोट मांग रहा है। उसका यह अंदाज मतदाताओं में चर्चा का विषय बना हुआ है।
जनपद में विधानसभा चुनाव के लिए तीसरे चरण में 20 फरवरी को मतदान होगा। 10 मार्च को मतगणना होगी। जनपद की पांचों विधानसभा सीटों में से फिरोजाबाद सदर सीट की बात करें तो यहां भारतीय जनता पार्टी ने वर्तमान विधायक मनीष असीजा को, समाजवादी पार्टी ने सैर्फुरहमान उर्फ छुट्टन भाई, बहुजन समाज पार्टी ने साजिया हसन को, कांग्रेस ने संदीप तिवारी को, एआईएमआईएम ने बबलू सिंह राठौर गोल्डी को, आम आदमी पार्टी ने नीतू सिसौदिया को उम्मीदवार बनाया है।
इसके साथ ही अन्य दलों व निर्दलीय रूप से उम्मीदवार चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे हैं। यह सभी उम्मीदवार घर-घर जाकर वोट मांग रहे हैं, लेकिन इन सभी उम्मीदवारों में एक निर्दलीय उम्मीदवार ऐसा भी है जो इस समय इस सीट पर ही नहीं बल्कि पूरे जनपद में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह उम्मीदवार रामदास मानव है। रामदास मानव चूड़ी जुड़ाई श्रमिकों के नेता हैं। वह चूड़ी जुडाई श्रमिकों के मेहनताने को लेकर पिछले काफी समय से संघर्ष करते आ रहे हैं।
विधानसभा चुनाव में वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में है और उनका चुनाव चिन्ह चूड़ी है। रामदास मानव खुद को बेड़ियों में जकड़कर व गर्दन में कटोरा लटकाकर मतदाताओं से एक वोट व दस का नोट मांग रहे हैं।
रामदास मानव का कहना है कि वह देश व प्रदेश की सरकारों, शासन व प्रशासन एवं चूड़ी जुडाई मजदूरों को यह संदेश देना चाहता है कि जिस प्रकार से मैं बेड़ियों में जकड़ा हुआ है ठीक उसी प्रकार फिरोजाबाद का चूड़ी मजदूर जकड़ा हुआ है। फिरोजाबाद के कारखानों में किसी प्रकार के श्रम कानून का पालन नहीं होता। फिरोजाबाद का मजदूर जितनी बदहाली की जिन्दगी जी जा रहा है।
मैं यह एहसास दिलाना चाहता हूं कि फिरोजाबाद के मजदूरों को कि मेरी ये जो बेड़ियां हैं, इन बेड़ियों को आप तुड़वाना चाहते हैं तो मेरा जो चुनाव चिन्ह है चूड़ियां। फिरोजाबाद की पहचान हैं चूड़ियां। जो आपका काम है चूड़ियां। इन चूड़ियों के चिन्ह पर आप वोट करेंगे तो निश्चित तौर पर चूड़ी जुड़ाई मजदूरों के साथ-साथ फिरोजाबाद के मजदूरों की बेड़ियां कटेंगी। उन्होंने बताया कि वह जनता से एक वोट व दस का नोट मांग रहे हैं क्योंकि उनके पास चुनाव लड़ने के लिये पैसा नहीं है। जनता का उन्हें भरपूर सहयोग व समर्थन मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि मेरा यह भी संकल्प है कि जब तक मैं फिरोजाबाद के मजदूरों की यह बेड़ियां नहीं काट दूंगा तब तक मैं अपने शरीर से भी इन बेड़ियों को नहीं उतारूंगा।