New Delhi: फेसबुक ग्रुप पर लाहौरी नमक के संबंध में साझा किए गए एक पोस्ट के बाद सैकड़ों पाकिस्तानी और भारतीय नागरिक इस पर बहस कर रहे हैं। समा टीवी ने यह जानकारी दी है।
जालंधर के सूरज जैन ने शनिवार को इंडिया पाकिस्तान हेरिटेज क्लब ग्रुप के फेसबुक पेज पर इस उत्पाद की तस्वीरें साझा करते हुए कैप्शन के साथ लिखा “प्यारे पाकिस्तानी मित्रों, हम आपका नमक खाते हैं।”
इस बयान का फेसबुक पर पाकिस्तानी सदस्यों ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया और भारतीय सदस्यों के साथ सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ साझा किया। इसे पाकिस्तान और उसके लोगों के लिए आत्मीयता के तौर पर लिया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसे लेकर कई पाकिस्तानी हैरान थे कि इस तरह के ब्रांड नाम और पैकिंग वाले पाकिस्तानी नमक को भारतीय बाजार में बेचने की अनुमति दी गई है। लेकिन इसका विरोध करने वाले भी कम नहीं थे और उन्होंने तो यहां तक लिख दिया कि कुछ भारतीय “नमक हलाली” करते हैं । इसका जवाब कुछ भारतीयों ने काफी मुखर होकर उन्हीं की भाषा में दिया था।
समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम एक भारतीय कंपनी ने इस हिमालयी नमक को “पाकिस्तानी क्रश्ड रॉक साल्ट” नाम दिया है। पैकिंग पर ‘पाकिस्तानी’ शब्द प्रमुखता से दिखाई देता है। दरअसल हंस इंडिया और कुछ अन्य लोगों ने अपनी पैकेजिंग पर नमक के पाकिस्तानी मूल का उल्लेख किया है।
जालंधर और उसके आसपास यह नमक 95 रुपये (पीकेआर23)प्रति किलोग्राम की दर पर उपलब्ध है। यह सामान्य आयोडीन युक्त नमक के 24 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से काफी अधिक है।
पाकिस्तान में रॉक साल्ट को लाहौरी नमक के रूप में बेचा जाता है और भारत के साथ 2019 में हुए विवाद के बाद इसके औषधीय लाभों पर व्यापक रूप से चर्चा की गई थी। तब से इसकी कीमतों में वृद्धि देखी गई है। ऑनलाइन मंच पर विभिन्न कंपनियां इसे अब 99 प्रति किलो पर बेचती हैं लेकिन स्थानीय बाजारों में यह काफी सस्ता है।
समा टीवी ने बताया कि पाकिस्तानी गुलाबी नमक का एक बड़ा हिस्सा स्थानीय भारतीय बाजार में सेंधा नमक के नाम से भी बेचा जाता है। हालांकि ज्यादातर भारतीय कंपनियां इसे पाकिस्तानी नमक नहीं कहेंगी। इसे हिमालयन नमक, गुलाबी नमक या सेंधा नमक के रूप में बेचा जाता है। सेंधा का हिंदी में अर्थ’चट्टान’ होता है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह कोई रहस्य नहीं है कि सबसे अच्छा हिमालयी नमक पाकिस्तान में पाया जाता है। यह गुलाबी नमक के रूप में भी जाना जाता है और इसके स्वास्थ्य प्रभावों के लिए लोकप्रिय है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान प्रति वर्ष भारत को भारी मात्रा में लगभग 100,000 टन हिमालयी नमक निर्यात करता है। यह मुद्दा 2019 में तब चर्चा में आया जब कुछ भारतीय कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार निकायों के समक्ष इसे अपने नाम पर दर्ज करने की कोशिश की।
समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान से आयात होने वाले नमक में मूल्य संवर्धन कर भारत इसे पश्चिमी देशों को निर्यात करता है। (IANS)