रांची :
प्रदेश की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा के ऊपर निजी बैंक के सीनियर अधिकारी द्वारा लगाए लगे कथित आरोपों कि जांच स्पेशल ब्रांच द्वारा कराये जाने की राज्य सरकार के प्रयास पर खाद्य आपूर्ति एवं सार्वजानिक वितरण मामले के मंत्री सरयू राय ने सवाल उठा दिया है. उन्होंने कहा की जाँच से जुड़ी रिपोर्ट की उन्होंने कॉपी भी सरकार से मांगी थी लेकिन अब तक उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है.
सरयू राय ने कहा की एक तो मामले की जाँच करना स्पेशल ब्रांच के अधिकार क्षेत्र में नहीं है. दूसरा स्पेशल ब्रांच के पास कोई न्यायिक पॉवर भी नहीं है जिसके आधार पर जांच की जाये.
राय का कहना है की सबसे बड़ी बात यह है की स्पेशल ब्रांच सरकार को केवल गतिविधियों की जानकारी इकठ्ठा कर देता है. स्पेशल ब्रांच किसी भी तरह की जाँच एजेंसी नहीं है. इसके अलावे चीफ सेक्रेटरी के मामले में किस तरह जाँच की प्रगति होगी यह भी क्लियर नहीं है. उन्होंने कहा की यह मामला इसलिए जरूरी है क्यूंकि ये गवर्नेंस से सीधा जुड़ा हुआ है न की किसी खास व्यक्ति का है. ऐसे में स्पेशल ब्रांच इस मामले में कितनी जांच कर पाएगा यह कहना कठिन है.
बैंकर ने की थी महिला सीएस की चर्चा,बेटे का क्या है बिज़नस
सरयू राय का कहना है की इंडसइंड बैंक के अधिकारी ने अपने ट्वीट में महिला सीएस की चर्चा की थी. इसलिए पहले यह देखना होगा की किस महिला सीएस का मामला है. साथ ही उनके बेटे का व्यापार है इसको भी क्लियर करना होगा. उन्होंने कहा की इस बैंक का सीडी रेश्यो अचानक काफी बढ़ गया है. इसे भी देखना होगा. राय ने कहा की यह भी जांच का विषय होगा की अमेरिका में हुए रोड शो के दौरान इस बैंक के प्रमोटर या कोई अधिकारी सरकार के लोगों से मिला कि नहीं.
सीबीआई ने एक्शन के लिए कहा था
राय ने कहा कि हैरत की बात यह है की सीबीआई ने सीएस के खिलाफ नोटिस जारी कर शो कॉज पूछने को नहीं कहा था. सरकार को उनके खिलाफ एक्शन लेने को कहा था. इसके आधार पर सरकार को दंड देना था. उन्होंने कहा की दंड लघु हो या दीर्घ यह सरकार को तय करना है. कार्रवाई के तहत कम से कम दो साल की कार्रवाई होनी चाहिए थी. जबकि चीफ सेक्रेटरी 28 फरवरी को रिटायर होने वाली हैं.