रांची:
झारखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) के सदस्य सचिव अरुण कुमार राय ने कहा है कि नालसा के निर्देशानुसार, ग्रामीणों की न्यायोचित मांगे हर हाल में पूरी होगी और उनकी समस्याओं का निपटारा किया जायेगा. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार (नालसा) और झारखण्ड उच्च न्यायालय आम लोगों की समस्याओं और लंबित मुकदमों के निष्पादन के प्रति काफी गंभीर है.
राज्य की राजधानी के काँके प्रखण्ड के उरुगुटू बाजार टांड में नालसा के निर्देशानुसार आयोजित विधिक सेवा आपके द्वार कार्यक्रम में ग्रामीणों की भारी भीड़ को संबोधित करते हुए सचिव ने कहा कि वे सभी प्राप्त आवेदनों के निष्पादन पर स्वयं नजर रखेंगे. झालसा के सहयोग से जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए) राँची और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन द्वारा संयुक्त रुप से आयोजित इस कार्यक्रम में 1700 से अधिक ग्रामीणों ने अपनी शिकायतें उच्च न्यायिक अधिकारियों के सामने रखी और लिखित रुप में अपने आवेदन दिये.
समारोह में बोलते हुए झारखण्ड उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के सचिव संतोष कुमार ने कहा कि नालसा की योजना के अनुसार विधिक सेवा आपके द्वार को भरपूर सफलता तभी मिल सकती है जब आम लोग अपने अधिकारों और कर्त्तव्यों के प्रति जागरुक बने. अपने संबोधन में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश सिंह ने कहा कि अपने आवेदन देने के समय लोग पूरी तरह सचेत रहे और वे बिना कोई शुल्क दिये केवल संगठन के अधिकृत पदाधिकारी, कार्यकर्त्ता एवं विधिक सेवक को ही अपना आवेदन सौंपे जिसमें तथ्यों, दस्तावेजों आदि की पूरी जानकारी हो. समारोह में राँची के मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी कुमार विपुल ने कहा कि अपने अधिकारों के प्रति लोगों की जागरुकता प्रशंसनीय है.
इस अवसर पर पुलिस उपाधीक्षक संजय कुमार ने कहा कि, कानून को लोग अपने हाथ में न लें बल्कि कानून की सहायता लें. साथ ही यदि थाना स्तर पर उनकी बातें न सुनी जाये तो वे उच्च पुलिस अधिकारी से संपर्क करें.
समारोह में डीएलएसए राँची के पैनल अधिवक्ता कीर्तिनारायण सिंह, नित्यानंद सिंह, संजय शर्मा, पीएलवी विक्की चौधरी के साथ ही रतिलाल महली, रामदेव सिंह, चितरंजन कुमार सिंह, मनोज सांगा, लाला महली, नासिर, शाहीन, मदन कुमार महतो, सूरज प्रकाश यादव, अजीत नाथ दास, अवधेश नाथ शाहदेव, तरुण गिरी, टिकेश्वर कुमार, अरविन्द महतो ने ग्रामीणों से उनका आवेदन प्राप्त किया और उनकी जिज्ञासा शांत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
उच्च न्यायिक अधिकारियों के समक्ष विशेष रुप से उरुगुटू की सबीना खातुन, मालश्रृंग की परमेश्वरी देवी, कांके की धनेश्वरी उराँव आदि ने अपनी समस्याओं को रखा और अपने आवेदन सौंपे.