रांची :
अब राज्य के खनन पदाधिकारी एवं अनुमंडल पदाधिकारी सुनिश्चित करेंगे कि बालू का अवैध खनन तथा परिवहन न हो, राज्य सरकार ने बालू के परिवहन को पुलिस चेकिंग से मुक्त कर दिया है. अब राज्य एवं जिला स्तर पर टास्क फ़ोर्स बनाकर चेकिंग का काम किया जायेगा. उक्त बातें राज्य सरकार की प्रवक्ता निधि खरे ने सूचना भवन सभागार में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही.
उन्होंने कहा कि खनन विभाग के अधिकारी तकनीकी तौर पर mines and minerals एक्ट की जानकारी रखते हैं, इसलिए वो प्रभावी तरीके से अवैध बालू उत्खनन एवं परिवहन को रोक पाएंगे. उन्होंने कहा कि कई जगहों से ऐसी शिकायत भी मिली थी कि बालू माफिया और स्थानीय पुलिस की मिली भगत से बालू को बाहर भेजने का काम किया जा रहा था . इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है. खनन एवं अनुमंडल पदाधिकारी अब समय- समय पर खुद छापेमारी करेंगे, जिसके लिए उन्हें पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध कराया जाएगा. हमें पर्यावरण की रक्षा के साथ ही विकास का काम भी करना है, जिसके लिए बालू के बाहर भेजे जाने पर रोकथाम ज़रूरी है.
निधि खरे ने बताया कि झारखण्ड प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है. झारखण्ड के दो जिले रामगढ़ एवं लोहरदगा खुले में शौच से मुक्त हो गये हैं. साथ ही ओडीएफ होने के मामले में भी राष्ट्रीय औसत की ओर प्रदेश तेज़ी से बढ़ रहा है. पिछले वर्ष जहां झारखण्ड राष्ट्रीय औसत से 17 प्रतिशत पीछे था, अब मात्र 7 प्रतिशत पीछे रह गया है. उन्होंने कहा कि जिस तेज़ी से झारखण्ड इस मिशन को पूरा करने के लिए आगे बढ़ रहा है, उसके हिसाब से वर्ष 2018 तक हम इस लक्ष्य को ज़रूर प्राप्त कर लेंगे. वर्तमान में राज्य के 46 प्रखंड के, 903 ग्राम पंचायतें एवं 7669 राजस्व ग्राम खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं. वहीँ 2 अक्टूबर 2017 तक 75 प्रखंड खुले में शौच से मुक्त हो जाएंगे. इस तरह देखा जाये तो झारखण्ड में शौचालय निर्माण की गति राष्ट्रीय औसत से भी ज्यादा है |
निधि खरे ने बताया कि लाभुकों को शौचालय निर्माण की राशि अब डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके खातों में भेजी जायेगी . स्वच्छता मिशन को सफल बनाने के लिए स्कूलों में हैंड वाशिंग सिस्टम (Hand Washing System) लगाया जाएगा, जिससे बच्चों में हाथ धोने के प्रति जागरूकता आये. स्वच्छ भारत मिशन के क्रियान्वयन में राज्य सरकार ने करीब 4 लाख महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित किया है. राज्य सरकार ने नवगठित पंचायत सचिवालय के स्वयंसेवकों को स्वच्छता दूत के रूप में प्रशिक्षण देकर स्वच्छ भारत मिशन से जोड़ा है. वैसे ग्राम पंचायत/ प्रखंड जो खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर उज्ज्वला योजना का लाभ दिया जा रहा है.
संवाददाता सम्मेलन में मुख्य रुप से प्रधान सचिव पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ए पी सिंह राजेश शर्मा, निदेशक स्वच्छ भारत मिशन, खान आयुक्त अबुबकर सिद्धिकी, निदेशक सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग रामलखन गुप्ता उपस्थित थे.