रांचीः
मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने निदेश दिया कि राज्य में ई-कोर्ट कार्यरत है, इसलिए जेल में बंद बंदियों को अदालत में ई-कोर्ट के माध्यम से ही पेशी कराएं. उन्होंने सभी कारा अधीक्षकों को निदेेेेश दिया कि शत-प्रतिशत ट्रायल और पेशी, वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से हो. सभी हार्डकोर अपराधियों एवं हार्डकोर नक्सलियों की पेशी वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही सुनिश्चित हो. यह निदेश मुख्य सचिव ने गृह, कारा एवं आपदा विभाग की समीक्षा करते हुए दी है.
मुख्य सचिव ने राज्य के 24 जिलों में अवस्थित न्यायालयों की अदालतों एवं जेलों में वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा बहाल करने का निदेश दिया. साथ ही, निदेश दिया कि जेलों का औचक निरीक्षण नियमित तौर पर करें और जेल में तैनात कक्षपाल आदि की चेकिंग भी टू टीयर स्तर पर सुनिश्चित की जाय ताकि मोबाईल आदि चीजों के अंदर जाने पर रोक लगाई जा सके. समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया कि जेलों में मोबाईल डिटेक्ट करने हेतु उपकरण का क्रय किया जाय.
मुख्य सचिव ने कहा कि 5 वर्ष की उम्र से उपर के ऐसे सभी बच्चों का स्कूलों में नामांकन सुनिश्चित करायी जाय जिनके मां-पिता/अभिभावक सजायाफ्ता हैं, अथवा जेलों में बंद हैं. उन्होंने निदेश दिया है कि जेल में मां के साथ बंद ऐसे बच्चों की प्रोफाईलिंग करें तथा उन बच्चों को आवासीय/आश्रम/ गुरूकुल विद्यालयों में नामांकन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय.
झारखंड पुलिस हाउसिंग काॅरपोरेशन लिमिटेड की समीक्षा करते हुए दुमका, पलामू, चाईबासा, सरायकेला-खरसांवा में पुलिस लाईन निर्माण की दिषा में तेजी से कार्य करने का निदेष दिया साथ ही पुराने आवासों की मरम्मति हेतु कार्ययोजना बनाने का निदेश दिया. गृह रक्षकों की समीक्षा करते हुए राजबाला वर्मा ने निदेश दिया कि एमआईएस डाटा के आधार पर ही होम गार्ड की ड्यूटी सुनिश्चित की जाय तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में युवा गृह रक्षकों की बहाली हेतु विस्तृत प्रतिवेदन तैयार करें. बैठक में मुख्य रूप से प्रधान सचिव गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग एसकेजी रहाटे सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे.