जमशेदपुर।
झारखंड में कोरोना काल का सबसे हैरान करने वाला मामला प्रकाश में आया है. जहां जमशेदपुर के साकची स्थित कब्रिस्तान में उस वक्त अफरा-तफरी मच गयी, जब राजधानी रांची के एक निजी अस्पताल ने लापरवाही से कोरोना संक्रमित पुरुष के शव की जगह महिला का शव भेज दिया. परिजनों ने जैसे ही शव का चेहरा देखा उनके होश उड़ गए.
क्या है पूरा मामला
दरअसल जमशेदपुर के आजाद नगर थाना अंतर्गत ओल्ड पुरुलिया रोड के समीप के रहने वाले शमीम अंसारी की तबीयत खराब होने पर परिजन उसे राजधानी रांची स्थित एससीएस अस्पताल ले गए. जहां 3 दिनों के इलाज के बाद शुक्रवार देर रात शमीम अंसारी की मौत हो गयी. अस्पताल प्रशासन ने कोरोना से मौत बता शव दिखाने से मना कर दिया. इधर परिजन शव लेकर जैसे ही जमशेदपुर के साकची स्थित कब्रिस्तान पहुंचे और अंतिम संस्कार से पहले शव का चेहरा देखा तो उनके होश उड़ गए. शव पुरुष का ना होकर किसी महिला का था. फिर क्या था परिजन लगे बवाल काटने.
सरकार से अस्पताल पर कार्रवाई करने की मांग
इस संबंध में मृतक के बड़े भाई अब्दुल हमीद ने बताया कि अस्पताल में कोरोना के ईलाज के नाम पर मरीजों का दोहन हो रहा है. हर दिन के इलाज में 25 से 30 हजार लिया जा रहा है. इतना ही नहीं परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर कई संगीन आरोप लगाते हुए झारखंड सरकार से ऐसे अस्पतालों का लाइसेंस रद्द करने की मांग की है.
हालांकि अस्पताल प्रशासन की ओर से मृतक शमीम अंसारी का शव भेजे जाने का आश्वासन दिया गया है. लेकिन इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन होगा, यह झारखंड सरकार को तय करना है. क्योंकि इस लापरवाही को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।