सारठ/देवघर।
देवघर जिले के सारठ प्रखण्ड क्षेत्र को क्रांतिकारियों की धरती कहा जाता है। यहां अनेको स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों से लोहा लिया था और व्यापक आंदोलन भी किया था।अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर स्वतंत्रता सेनानी पथरड्डा गांव निवासी कालीचरण तिवारी व सिमला गांव निवासी देवी प्रसाद सिंह चौधरी को भारत सरकार द्वारा उनके पैतृक आवास पर ही पदाधिकारियों ने सम्मानित किया।
स्वतंत्रता सेनानी काली चरण तिवारी ने देश भक्ति के लिए मात्र 17 साल की उम्र में ही आजादी के लडाई में अंग्रेजों के बीरूध कूद पड़े थे। सारवां थाना के नकटी गांव के बालेश्वर प्रसाद के संपर्क में आये और अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ी गई। लड़ाई में कालीचरण तिवारी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इनको अंग्रेजों ने पकड़कर भागलपुर जेल भेज दिया। जेल में ही धोती के टुकड़े व चुना हल्दी मिलाकर इन्होने झंडा फहरा दिया। जिस कारण इन्हें कठोर यातनायें दी गई। और जेल के अंदर सेल में भी डाल दिया गया।
वही दूसरे स्वतंत्रता सेनानी देवी प्रसाद सिंह चौधरी जो आर.मित्रा विद्यालय के छात्र रहे है। देवी प्रसाद छात्र जीवन से ही स्वतंत्रता आजादी में कूद पड़े,18 साल की उम्र में धनबाद के सिविल गंगा नारायण मेमोरियल स्कूल में पढाई की। और वहीं वे रामनारायण शर्मा के संपर्क में आये। उन्हें युवाओं को जोड़ने का काम मिला। आन्दोलन के दौरान अंग्रेज की गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त किया। जिस कारण उन्हें पकड़ने की कोशिश की। लेकिन प्रत्येक बार चकमा देते रहे। बाद में देवघर घोरलास गांव में अपने बहन घर आ गए। इसी बीच इनकी शादी सारठ के सिमला में हुई । आजादी के बाद में देवी चौधरी इसी गांव में रहने लगें।
आज दोनों स्वतंत्रता सेनानी को मधुपुर एसडीओ योगेंद्र प्रसाद व सारठ बीडीओ साकेत कुमार सिन्हा ने फूलमाला पहनाकर व शाल ओढ़ाकर किया सम्मानित। इस मौके पर अनुज कुमार सिंह, राजा तिवारी सहित कई लोग मौजूद थे।