रांची।
शुक्रवार को झारखंड में सियासी उबाल उस वक्त पैदा हो गया जब रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट किया. रेल मंत्री के ट्वीट के बाद सीएम हेमंत सोरेन से लेकर सूबे के अन्य मंत्रियों ने मोर्चा सम्भालते हुए केन्द्रीय मंत्री पियूष गोयल को जवाब दिया.
दरअसल, पीयूष गोयल ने ट्वीट किया कि रेलवे रोजाना 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाकर कामगारों को उनके घर पहुंचाने के लिये तैयार है, लेकिन मुझे दुख है कि कुछ राज्यों जैसे वेस्ट बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ, और झारखंड की सरकारों द्वारा इन ट्रेनों के लिए अनुमति नहीं दी जा रही है, जिससे श्रमिकों को घर से दूर कष्ट सहना पड़ रहा है.
केन्द्रीय मंत्री के इस ट्वीट पर के जवाब में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए झारखंड सरकार ने ही ट्रेनों की मांग की थी. गृहमंत्री से भी हमने मजदूरों को लाने के लिए हवाई जहाज का भी परमिशन देने का आग्रह किया है, पता नहीं कब परमिशन मिलेगा. उन्होंने कहा कि काफी जद्दोजहद के बाद मजदूरों को लाने के लिए ट्रेन की व्यवस्था की गई है.
इससे पहले रेलमंत्री के ट्वीट के जवाब में सीएम हेमंत ने लिखा कि माननीय रेल मंत्री जी तक सही जानकारी नहीं पहुंचायी गयी. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आपका विभाग आपतक सही जानकारी नहीं पहुंचा रहा है. हमने अबतक 110 ट्रेनों के लिए एनओसी दे दी है. 50 ट्रेनों में लगभग 60 हजार से ज़्यादा श्रमिक राज्य लौट भी चुके हैं.
सीएम हेमंत सोरेन ने जवाब ने आगे ये भी लिखा कि मैंने ही देश में सबसे पहले ट्रेन चलाने की गुहार लगायी थी. पुन: ज़्यादा से ज़्यादा ट्रेन झारखण्ड के लिए चलाने की आग्रह करता हूं. अभी हर रोज मात्र 4-6 ट्रेनें झारखण्ड आ रही हैं, जो प्रयाप्त नहीं हैं. हमारे लगभग 7 लाख श्रमिक झारखंडियों को जल्द वापस लाने के लिए और ट्रेन चलाने की आवश्यकता है. आशा है कि आप इस मुद्दे पर ध्यान देते हुए झारखंडियों की सहायता करेंगे।