संथाल परगना।
संताल परगना में तीन ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां के विधायक सूबे में मंत्री हैं। सारठ विधायक रणधीर सिंह , कृषि मंत्री, मधुपुर विधायक राज पलिवार, श्रम मंत्री और दुमका विधायक लुइस मराण्डी, कल्याण मंत्री हैं।
इन तीनो जगहों पर 2019 के चुनाव में विरोधी पार्टियों के दमदार प्रत्याशी हैं। सरकार का अंग रहते हुए भी इन तीनो के सामने सीट बरकरार रखने की बड़ी चुनौती है। भाजपा ने इन तीनों जगहों पर खास कर निगाहें गड़ाई हैं। हालांकि तीनों मंत्रियों का कहना है इस बार भी वे भारी मतों से जीतेंगे।
मधुपुर विधानसभा मामले में तो गजब की बातें सामने आ रही हैं। खुद भाजपा के समर्थक ही सोशल मीडिया पर इस चुनावी दंगल से राज पलिवार को बाहर कर दिया है। सोशल मीडिया की लड़ाई में राज पलिवार को किनारे कर टक्कर गंगा नारायण सिंह और हाजी हुसैन में दिखा रहे हैं।
सारठ में रणधीर समर्थक को छोड़ अभी चुन्ना सिंह और भूपेन सिंह में टक्कर बता रहे। दुमका में सोशल मीडिया हलचल नही है। यहां लूइस को मात देने के लिए खुद हेमंत सोरेन लड़ाई के मैदान में हैं। लेकिन सारठ और मधुपुर की बात करें तो इन दोनों जगहों पर मंत्रियों को उनसे भिड़ना होगा जो राजनीति में नए हैं।
रणधीर सिंह को भूपेन सिंह से टकराना है। भूपेन सिंह बड़े व्यव्सायी हैं। राजनीति में लंबे समय से इक्षुक इस बार अंततः विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं मधुपुर में राज पलिवार को राजनीति में बिल्कुल नए खिलाड़ी से लड़ना होगा। गंगा नारायण सिंह दूसरी बार विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि 2009 में दोस्तों की जिद पर वे चुनाव में खड़े हुए बिना किसी मेहनत के 9000 वोट आया। इस बार गंगा अपनी तेज लहर के साथ मैदान में उतरे हैं।
इन मंत्रियों का पिछला इतिहास
2014 में जब चुनाव हुआ था तो मधुपुर से हाजी हुसैन अंसारी दूसरे नम्बर पर थे। राज पलिवार ने 6884 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी। वहीं सारठ से जेवीएम प्रत्याशी रणधीर सिंह ने चुन्ना सिंह को 13901 मतों से मात दी थी। यहां चुन्ना सिंह दूसरे नम्बर के खिलाड़ी थे। जबकि दुमका में हेमंत सोरेन को 5262 मतों से मात दिया था लुइस मराण्डी ने। यूं देखा जाय तो मधुपुर और दुमका में कोई बिशेष मार्जिन नही है। अभी से हवा बनाने में सभी नेता लगे हैं। यहां से अगर देखा जाय तो मधुपुर को छोड़कर सारठ के रणधीर सिंह और दुमका की लूइस मराण्डी पहली बार विधायक बने और सरकार में मंत्री बने। राज दो बार विधायक रह चुके हैं। अबकी बार वो जीते तो ये उनकी हैट्रिक होगी। अब देखना है कि क्या वे हैट्रिक मारेंगे और क्या रणधीर व लुइस सीट बरकरार रख पाएंगी।