बोकारो।
बोकारो गरीबी अभिशाप बनकर एक परिवार के सामने आयी है। इलाज नहीं करा पाने के कारण पिता व पुत्री की मौत हो गई है। जबकि पुत्र को इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
डायरिया के प्रकोप से 7 मरीज निजी अस्पताल में इलाजरत हैं। लेकिन जिले के स्वास्थ महकमे और जिला प्रशासन को इसकी सूचना तक नही है।घटना बोकारो नगर के सेक्टर 9 स्ट्रीट 11 की है। सेक्टर 9 के जिस निजी अस्पताल में डायरिया पीड़ित इलाज करा रहें है उस अस्पताल के प्रबंधन ने भी जिले के स्वास्थ विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना देने की जरूरत नही समझी। इस मौत के बाद पूरा परिवार गमगीन है। मृतक झोपड़ी में रह कर परिवार का भरण पोषण करता था।
जानकारी के मुताबिक सेक्टर 9 के स्ट्रीट 11,12 और 13 में कई दिनों से डायरिया का प्रकोप है। इसी प्रकोप में झोपड़ी में रह कर दूसरे के कपड़े आयरन कर गुज़र-बसर करने वाले नागों रजक उम्र 50 वर्ष और पुत्री खुश्बू कुमारी पांच वर्ष की मौत इलाज नही करा पाने के कारण मौत हो गई। पहले बेटी की मौत हुई उसके बाद परिजनों के अस्पताल नहीं ले जाने के कारण पिता की मौत हो गई। घटना के बाद परिवार वालों को रो-रो कर बुरा हाल है। मृतक के बड़े भाई ने बताया कि मृतक के पास इलाज कराने का पैसा नही था जिस कारण इलाज नहीं करा पाने के कारण मौत हो गई। जबकि 11 वर्षीय पुत्र को पिता की मृत्यु के बाद पुलिस ने निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
डायरिया से पीड़ित आरती कुमारी, स्वेता कुमारी , चंपा देवी ,रवि शेखर, आरुषि कुमारी , सीमंती देवी , इस्लाम अंसारी , सुकरमा देवी , रोहित कुमार को निजी अस्पताल में इलाजरत हैं।
वही इस मामले में अस्पताल के चिकित्सक का बयान भी हास्यपद है। चिकित्सक को ये भी नही पता है कि अस्पताल में डायरिया से कितने मरीज भर्ती हैं। वे सिर्फ एक मरीज की जानकारी देते नजर आएं।
वहीं इस मुद्दे पर बोकारो उपायुक्त मृत्युंजय कुमार बरनवाल ने कहा कि चिकित्सकों की टीम मौके पर भेजी गई है। वैसे अस्पताल जो डायरिया की जानकारी चिकित्सा विभाग को नही दी है उसकी जाँच कराई जाएगी।