Reported by: बिपिन कुमार
धनबाद।
धनबाद स्थित खान सुरक्षा महानिदेशालय, कम शब्दो में कहे तो डीजीएमएस की लापरवाही ने देश के माइनिंग सेक्टर के लगभग दो सौ छात्रों के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है।
दरअसल, डीजीएमएस के द्वारा छात्रों को जो सर्टिफिकेट 3 महीनो के भीतर निर्गत कर देना था. उसे इनकी लापरवाही ने छह-छह महीनो तक लटकाए रखा। जिससे इनका भविष्य संकट से घिर गया है।
क्या है पूरा मामला:
डीजीएमएस के बाहर जमा हुयी छात्रों की भीड़ उन छात्रों की है जिन्होंने धरती के गर्भ से बेशकीमती खनिज पदार्थों को निकालने की तालीम हासिल किया है। लेकिन इनके वर्षो की मेहनत महज एक प्रमाण पत्र के कारण आज बर्बाद होता दिख रहा है। देश की एकमात्र संस्थान खान सुरक्षा महानिदेशालय धनबाद के अधिकारियो की लापरवाही की वजह से आज इन छात्रों को डीजीएमएस कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है।
दूर-दूर से आये छात्रों ने किया डिजीएमएस कार्यालय में जोरदार प्रदर्शन:
महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश जैसे अलग-अलग राज्यो से यहाँ आए छात्रों ने बताया कि कोल इंडिया के अलग-अलग इकाइयों में ओवरमेन की वेकेंसी निकली हुई है। जिसके लिए इन्होंने दिन-रात मेहनत कर तैयारी भी पूरी कर ली है। लेकिन इस वेकेंसी की परीक्षा में शामिल होने के लिए जिस प्रमाणपत्र की आवशयकता है, वो इसी कार्यालय को निर्गत करना है। लेकिन महीनो बीत जाने के बाद भी अबतक उन्हें वो प्रमाणपत्र नहीं मिल सका है। छात्रों की माने तो इसके लिए अधिकतम 3 महीने की समय सीमा तय की गई है, लेकिन छह महीने बीत जाने के बाद भी अबतक उनकी मान्यता पत्र उन्हें नहीं मिल पाया है। वही छात्रों ने बताया कि इसी महीने की 15 और 27 तारीख को परीक्षा होनी है। लेकिन अब उन्हें यह भय सताने लगा है कि इस प्रमाणपत्र के नहीं मिलने से उनका भविष्य ही कही खतरे में न पड़ जाए।
छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ :
यहाँ हम आपको बता दे कि देश की एक मात्र संस्थान डीजीएमएस धनबाद द्वारा ही देश के खनन क्षेत्र में कार्यो को लेकर प्रमाण पत्र को निर्गत करती है, जिसके बाद ही कोई छात्र किसी खनन के कार्यो में अपना योगदान दे सकता है। ऐसे में छात्रों को अपने भविष्य को लेकर चिंतित होना लाजमी है। वही खान सुरक्षा उपनिदेशक (परीक्षा) डी दया रमन का कहना है कि मै मिडिया से बात नहीं कर सकता आप उच्चाधिकारी से बात कर ले |