बोकारो।
भारत-पाकिस्तान सीमा के अखनूर सेक्टर में पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा मारे गए बोकारो जिले के गोमिया आईएल शिवमंदिर निवासी स्वर्गीय सरयू तिवारी के पुत्र शहीद ब्रजकुमार तिवारी साहसी व पराक्रमी देश के वीर सपूत थे।
उनका पार्थिव शरीर गोमिया नही पहुंच पाया।हांलाकि अहले सुबह तक पहुचने की संभावना है। शहादत के दो घँटे पहले शहीद ने अपने भाई विनोद व पत्नी पुष्पा तिवारी को फोन कर बताया था कि मैं घर नही आ सकता। शहीद बिहार के गोडारी थाना क्षेत्र के गोरख परासी गांव का मूल निवासी थे। जो 40 वर्षो से गोमिया रह रहे थे।
इस परिवार के लिए 21 अगस्त कहर बिगत दो वर्षों से ढा रहा है। पिछले साल 21 अगस्त को ही शहीद के पिता सरयू तिवारी की मौत हुई थी, और आज फिर घर का लाडला चला गया.
वहीं, परिजनों व ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. वह कहते है कि ब्रजकुमार ने मातृभूमि की रक्षा के लिए बलिदान दिया है हमे गर्व है। लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ सरकार कठोर कदम उठाए। अब आरपार की लड़ाई लड़ने की जरूरत है। तभी शहीद तिवारी काअसली श्रद्धाजंलि बदला लेना ही होगा।
शहीद ब्रजकुमार रक्षाबंधन पर्व पर आने वाले थे,इसलिए उसने फोन पर नही आने की बात कही थी।