गिरिडीह:
वैसे तो आग पर पानी डालते ही धधक रुक जाती है. लेकिन गिरिडीह में तो आग के कारण पेयजलापूर्ति ही बाधित हो गयी है. जिससे लगभग 25 हजार की आबादी प्रभावित हो रही है. वहीं एक बड़े भू-खण्ड के जमींदोज होने का खतरा भी मंडरा रहा है. दरअसल सीसीएल गिरिडीह कोलियरी के भदुआ पहाड़ी के पुराने खदानों में एक दशक पूर्व आग लगी हुई है. यह आग धीरे-धीरे फैलती जा रही है. अब आग क्षेत्र के जुबली पीट तक पहुँच चुकी है.
जिस पीट तक आग की पहुंच हो चुकी है वहीं से क्षेत्र के कई गांव में पानी की आपूर्ति भी की जाती है. आग के फैलाव के कारण पेयजल आपूर्ति केंद्र, जुबली पिट एवं आसपास के इलाके से लगातार धुआं निकल रहा है. चानक में भी धुआं भर गया है. जिसके बाद सीसीएल प्रबंधन ने पेयजल आपूर्ति को बंद कर दिया है.
आबादीवाले इलाके की तरफ बढ़ता जा रहा है आग:
अब यह आग जलापूर्ति केंद्र के अलावे आबादी वाले इलाके की ओर बढ़ रहा है. इससे लोग दहशत में हैं. बताया जाता है कि आग के कारण लाखों रुपये का कोयला बर्बाद हो रहा है. श्रमिक नेता एनपी सिंह का कहना है कि आग पर रोक लगाने की दिशा में सीसीएल प्रबंधन कोई कदम नहीं उठा रहा
डेंजर जोन घोषित: पीओ
आग के कारण उठ रहे धुंए की सूचना पर सीसीएल अधिकारियों की टीम ने उक्त स्थल का निरीक्षण किया. निरीक्षण के बाद सीसीएल गिरिडीह कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी केके पांडा ने जुबली पीर इलाके को हाई रिस्क जोन घोषित कर दिया है. वहीं पेयजल आपूर्ति को ले वैकल्पिक व्यवस्था करने की बात कही है.