दुमका:
झारखण्ड विकास मोर्चा 27 मई को संथाल परगना की धरती दुमका से आदिवासी सम्मलेन कर सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकेगी।
दुमका परिसदन में झारखण्ड विकास मोर्चा की प्रमंडलीय बैठक की गई. जिसमे आदिवासी सम्मलेन को लेकर परगना के चार जिला पाकुड़ ,जामताड़ा ,दुमका और देवघर के सारठ प्रखंड से आये जेवीएम कार्यकर्त्ता के साथ पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी और केंद्रीय महासचिव प्रदीप यादव ने बैठक किया। मिशन 2019 और संथाल परगना में अपनी मजबूत पकड़ बनाने को लेकर संगठन की मजबूती के लिए ठोस निर्णय पर चर्चा गई।
जेवीएम सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी ने कहा कि दुमका के आउटडोर स्टेडियम में आदिवासी सम्मलेन इसलिए की जा रही है कि झारखण्ड प्रदेश में राज्य बनाने के लिए आदिवासियों ने अग्रिम पंक्तियों में रहकर लड़ाई लड़ी कि राज्य बनने के बाद उनकी तकलीफ़ दूर होगी लेकिन आज जब केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार है लेकिन आदिवासी की तकलीफ़ दूर नहीं हुई है, बल्कि बढ़ा दी गई है।
उन्होंने कहा कि आज आजादी के 70 वर्ष के बाद देखेंगे तो 30 से 35 लाख एकड़ जमीन बिकास के नाम पर अधिग्रहण किये गए, जिसमे सबसे अधिक आदिवासी प्रभावित हुए और आज तक उनको न्याय नहीं मिला है. आज भी जितनी परियोजना चल रही है वहां के लोग आज भी अपने हक़ के लिए संघर्ष कर रहे है। बाबूलाल ने कहा कि हमारी पार्टी शुरू से इसके लिए लड़ाई लड़ते आ रही है।
जेवीएम सुप्रीमों ने कहा कि विस्थापन और पुनर्वास आयोग सरकार से गठन करने की मांग की रही है. लेकिन सरकार कुछ भी ऐसा नहीं की बल्कि रघुवर सरकार ने उलटे CNT और SPT एक्ट में संशोधन कर कॉरपोरेट घरानों को फायदा दिलाने का काम किया है. ऐसे अनेक मुद्दों को लेकर एक सम्मलेन संथाल परगना के चारों जिला में जेवीएम करेगी।