पलामू:
एक तरफ लोगों के बीच अंधविश्वास खत्म करने और जागरूकता फैलाने के लिए सरकार लाखों रूपये खर्च करती है तो वहीं हैदरनगर में लगता है बिना रोक-टोक भूत का मेला..
आपने भूतों की कहानियां घर के बड़े-बुजुर्गो से काफी सुनी होगी. किताबों में पढ़ा भी होगा और फिल्मो में भी देखा होगा. लेकिन पलामू के हैदरनगर में भूतों की हरकत सच में देखने को मिलती है, फिर भी पलामू प्रशासन इस बात से बेखबर है. आप देखकर आश्चर्य में पड़ जायेंगे. यहाँ कथित भूत-प्रेत बाधा से पीड़ित लोग नाचते-झूमते है.
झारखण्ड के पलामू जिले के हैदरनगर में 100 वर्षो से लगता आ रहा है भूतों का मेला. हैदरनगर पलामू मेदिनीनगर मुख्यालय से करीब 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस धाम को शक्ति पीठ के नाम से भी जाना जाता है. जिस किसी बच्चे, स्त्री और पुरुषो पर कथित भूतो का छाया रहता है वे भूत से छुटकारा पाने के लिए इस जगह पर आते है और उन्हें यहाँ आने के बाद भूतों से पूर्ण रूप से छुटकारा मिल जाता है. ऐसा आने वाले लोग मानते हैं. इतना ही नहीं दूर-दराज़ से भी लोग यहाँ कथित भूत से मुक्ति पाने पहुँचते हैं.
इस जगह पर साल में दो बार चैती नवरात्री एवं शारदीय नवरात्र के एकम से नौवमी तक बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं. जयादातर उन्ही लोगो की भीड़ होती है जिन्हें लगता है कि उनपर भूत का साया है. और कथित तौर पर इनके भूत को हटाने के लिए ओझा-गुनी भी भारी संख्या में पहुँचते हैं.
हैदरनगर के जिस जगह पर भूत मेला लगता है, वहीं पर देवी माँ का विशाल मंदिर स्थापित है और इस मंदिर के पास एक जिन बाबा का मजार भी है, जिसके कारण लोगों का मानना है कि यहाँ भूत-प्रेतों से छुटकारा मिलना और भी आसान हो जाता हैं.
नवरात्री के समय यहाँ पर भीड़ इतनी ज्यादा हो जाती है कि लोग साड़ियों और चादरों से तम्बू बनाकर यहाँ पर रहते हैं. इन जगहों पर रहने वाले लोगो का कहना है की जब रात होती है तब इसके आस-पास के इलाको में भूतों के रोने की आवाज़ सुनाई पड़ती है, इस स्थान पर लोग डर से रहना पसंद नही करते है इस जगह पर वही लोग निवास करते है जो शुरु से ही इस जगह पर रहते आ रहे है- मंदिर परिसर में एक अग्नि कुंड व एक विशाल वृक्ष स्थापित है, वृक्ष में ओझा कील ठोक कर शैतान को कैद करने की बात कही जाती है. वहीं वृक्ष पर पूजा करने के लिए प्रसाद में शराब चढ़ाया जाता है. कहा जाता है कि जिन लोगों पर भूत-प्रेत का छाया रहता है वो नाचने एवं झुमने लगते है. लोगों के शरीर में छिपी आत्मा अनेक प्रकार के करतब दिखाने लगती है, जिसे देखकर लोग आश्चर्यचकित हो जाते है।
इस वैज्ञानिक युग में भी यहाँ अंधविश्वास का खेल देखने को मिल रहा है. जहाँ लोग दवा न कराकर झाड़-फूक के चक्कर में पड़ रहे हैं.