धनबाद:
दो दिवसीय दौरे में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री राम चंद्र चंद्रवंशी तड़के निरीक्षण करने सरायढेला पीएमसीएच पहुँच गये. यहाँ उन्होंने मरीज वार्ड से लेकर दवा विभाग समेत आउट डोर, इमेरजेंसी सुविधा के अलावे मरीज़ो को उपलब्ध पानी की व्यवस्था एवं किन कारणों से एमसीआई ने पीएमसीएच की 50 सीट घटाई है उसपर अधिकारियो से जानकारी ली.
उन्होंने प्राथमिकता के तौर पर बढ़ती गर्मी के मद्देनजर मरीजों को पानी की व्यवस्था करने का निर्देश अधिकारियो को दिया. मंत्री के साथ पीएमसीएच अधीक्षक, प्राचार्य के विश्वास समेत तमाम अधिकारी व चिकित्सक मौजूद हुए. अस्पताल से डॉक्टरों के नदारद रहने पर मंत्री ने नाराजगी जताई.
50 सीट को पुनः लाने का प्रयास :
पीएमसीएच में निरीक्षण के दरम्यान पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि एमसीआई ने यहाँ क्या-क्या खामियां पाई है जिसके वजह से इस कॉलेज की 50 सीट घटा दी गई है. इससे काफी बदनामी हुई है. अब प्रयास किया जा रहा है घटाई गई 50 सीट को पुनः वापस लाकर 100 सीट किया जा सके. एमसीआई ने डॉक्टरों की कमी की वजह और अन्य कमियों के कारणों से 100 सीट को घटाकर 50 सीट कर दी थी. मंत्री ने कहा कि सरकार डॉक्टरों की कमी दूर करने का प्रयास कर रही है. जल्द ही डॉक्टरों की खाली पदों को भरा जायेगा.
पीएमसीएच अधिकारियों के साथ रांची में होगी बैठक :
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कॉलेज में पचास सीट बढ़ाने के लिये बुधवार को अधीक्षक व प्राचार्य को रांची बुलाया गया है. अस्पताल में जितनी भी कमियां है उसकी पूरी लिस्ट मांगी गई है. बैठक कर 50 सीट को हर हाल में इस साल लेकर आना है. संसाधनों की कमी को दूर करने सहित अन्य पहलुओं पर समीक्षा की जायेगी.
आउट सोर्स कंपनी को हटाया जाएगा :
काम कराकर भुगतान नहीं कराने वाली ऑउटसोर्सिंग कंपनी को हटाने का निर्देश मंत्री ने अधिकारियो को दिया है. उन्होंने अगले वित्तीय वर्ष में नए सिरे से टेंडर कराने का निर्देश जारी किया. उन्होंने कहा कि यह अस्पताल है. यहाँ सेवा भाव सर्वोपरि है. पैसे कमाने के फेर में लगने वाले वैसे आउट सौर्सिंग कंपनी को बाहर का रास्ता दिखाइए.
रोज की तुलना में आज पीएमसीएच था नये रूप में :
रोजाना जहाँ पीएमसीएच में जहाँ-तहाँ गंदगी आसानी से देखी जा सकती थी, वही आज यहाँ का नजारा बदला बदला सा था. स्वास्थ्य मंत्री के अस्पताल निरीक्षण की सूचना प्रबंधन को रविवार को ही हो गयी थी. इसलिए आज मरीजों के बेड पर सफ़ेद चादर थी. सफाई चौक-चौबंद रखी गई थी. सफाई कर्मी भी पूरी तरह से मुस्तैद थे. मरीजों के लिये यह पल किसी सपने से कम नहीं था.