रिपोर्टः नितेश कुमार
दुमकाः
दुमका जिले के गोपीकांदर सांकेतिक बाल विकास परियोजना के कर्मचारियों की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है. नियमित आंगनबाड़ी केंद्र नहीं खुलना तो ग्रामीण बर्दाश्त कर लेते है, लेकिन ताजा मामला कुश्चिरा आँगनबाड़ी केंद्र(1) का है, जहाँ की सेविका और अन्य कर्मचारियों द्वारा बड़ी गलती की गयी है.
समाज कल्याण,महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा समेकित बाल विकास सेवा योजना के अंतर्गत माइक्रोनयूट्रेंट फोर्टिफाइड फूड / एनर्जी डेंस का निशुल्क वितरण गर्भवती महिलाओं और शून्य से 3 वर्ष के शिशुयों के बीच किया जाता है. इसी के तहत कुश्चिरा आँगनबाड़ी केंद्र(1) में गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली फोर्टिफाइड फूड का वितरण तो किया गया लेकिन सारे फूड एक्सपायर हो चुके थे.
फूड के पैकेट पर साफ-साफ एक्सपायर डेट लिखा था लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र के कर्मियों ने इसे नज़रअंदाज़ कर दिया और गर्भवती महिलाओं के बीच एक्सपायर हो चुके फोर्टिफाइड फूड के पैकेट का वितरण कर दिया गया. साथ ही जब इसकी सूचना सेविका को दी गयी तो वरीय पदाधिकारी को जानकारी देने की बात सेविका ने कह अपना पल्ला झाड़ लिया.
ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि जब कुछ महिलाओं ने फूड के एक्सपायर होने की बात फोर्टिफाइड फूड का वितरण कर रही सेविका को कही. तो सेविका ने अधिकारियों से बात करने को कहा. उन्होंने कहा कि अगर पोषाहार एक्सपायर हो चुका है, तो इसकी जानकारी वरीय पदाधिकारी को दे दी जाये. इसमें उन्हें कोई फर्क नही पड़ता कि फूड एक्सपायर है या अभी भी इसका सेवन कर सकते हैं. साथ ही सभी गर्भवती महिलाओं के बीच एक्सपायर फोर्टिफाइड फूड के पैकेट पकड़ा आंगनबाड़ी कर्मी वापस चलते बने.
बता दें कि इससे पूर्व भी इस प्रकार की घटना कुश्चिरा आँगनबाड़ी केंद्र में हो चुकी है, पहली बार तो ग्रामीणों ने सेविका की गलती मानकर कोई शिकायत नहीं की. लेकिन फिर से दोबारा सेविका द्वारा इस प्रकार एक्सपायरी फोर्टिफायड फूड का वितरण करने पर नाराज़गी जाहिर की गयी है.
वहीं इस मामले पर समाज कल्याण पदाधिकारी श्वेता भारती ने कहा कि एक्सपायरी फोर्टिफायड फूड सेविका को वितरण नहीं करना चाहिए. संबंधित सीडीपीओ को इसकी जांच के लिए भेजा जाएगा. मामले की जांच कर सेविका के उपर कार्यवाही की जाएगी.
इधर, प्रखंड प्रमुख सरिता देवी का कहना है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थिति दयनीय हो चुकी है, समय अवधि समाप्त होने के बाद पोषाहार का वितरण करना सेविका की लापरवाही सामने आती है. जांच कर दोषी पर कार्यवाही होनी चाहिए.