मुंबई: मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की ओर से पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ वसूली के आरोप मामले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुंबई और नागपुर में पांच ठिकानों पर छापेमारी की।
इस दौरान ED के अधिकारियों ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख से उनके ही मुंबई स्थित आवास पर लंबी पूछताछ की। ED ने अनिल देशमुख के दो पीए कुंदन शिंदे व संजीव पालांडे को हिरासत में ले लिया है। इस तरह अनिल देशमुख की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। ईडी की पूछताछ के बाद अनिल देशमुख ने बताया कि वह जांच में पूरा सहयोग दे रहे हैं। अंत में जीत सत्य की ही होगी।
जानकारी के अनुसार परमबीर सिंह के आरोप के बाद ED की टीम ने मुंबई और नागपुर में एकसाथ पांच ठिकानों पर सुबह पौने आठ बजे से ही छापेमारी शुरू की थी। नागपुर में ईडी टीम ने अनिल देशमुख के निवास पर शाम सवा पांच बजे तक छापेमारी की। अनिल देशमुख के निवास पर ईडी ने उनकी पत्नी व बहू से भी पूछताछ की और कुछ कागज पत्र अपने साथ ले गए।
इसी तरह ईडी की टीम ने अनिल देशमुख के शासकीय निवास ज्ञानेश्वरी बंगले व उनके वरली स्थित सुखदा निवास में सुबह ही छापामार कार्रवाई शुरू की थी। इसी दौरान ईडी ने अनिल देशमुख के सीए के वरली स्थित घर पर और उनके मित्र के घर पर भी छापा मारा।
इसी छापेमारी के बीच अनिल देशमुख 12.30 बजे सुखदा स्थित अपने आवास पर पहुंचे। ईडी की टीम ने वहां इस मामले में अनिल देशमुख से शाम 7.30 बजे तक पूछताछ की। इस दौरान ईडी ने सुखदा निवास पर अनिल देशमुख के घर पर साइबर क्राइम की टीम को भी बुलाया था। इस टीम ने उनके निवास से डिजिटल डाटा भी इकट्ठा किया है।
ED की टीम ने अनिल देशमुख के पीए कुंदन शिंदे व संजीव पालांडे को अपने कार्यालय ले गई है और दोनों से गहन पूछताछ कर रही है। ED ने गुरुवार को पुलिस उपायुक्त राजूभुजबल से भी पांच घंटे पूछताछ की थी। इसी आधार पर आज अनिल देशमुख के घर व अन्य चार ठिकानों पर छापा मारा था।
इससे पहले ईडी ने 10 से अधिक होटल व्यवसायियों का भी बयान दर्ज किया है। इस तरह ईडी की पूछताछ से अनिल देशमुख की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। उधर, अनिल देशमुख ने पत्रकारों को बताया कि मुकेश अंबानी के घर जिलेटिन रखे जाने और मनसुख की हत्या के बाद मुंबई पुलिस आयुक्तालय में चल रही गड़बड़ी उनके ध्यान में आई थी। इसी वजह से उन्होंने परमबीर का तबादला कर दिया था।
इसके बाद परमबीर सिंह ने उन पर आरोप लगाया है। अगर उन्हें यह सब पहले से पता था तो उन्होंने इसकी जांच खुद बतौर पुलिस आयुक्त क्यों नहीं की थी। परमबीर सिंह के पांच मातहत पुलिसकर्मी जो कि सिर्फ उन्हें ही रिपोर्टिंग करते थे, उन सभी को एनआईए ने गिरफ्तार किया है। अनिल देशमुख ने बताया कि उन पर लगाए गए आरोपों की जांच केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं, बहुत जल्द दूध का दूध व पानी का पानी सामने आ जाएगा। इस मामले में भी सत्य की ही जीत होगी।