Bhopal: विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के शिवलिंग का क्षरण (Degradation of Shivalinga of world famous Jyotirlinga Lord Mahakaleshwar) तो नहीं हो रहा है, इसकी जांच करने के लिए मंगलवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) की आठ सदस्यीय टीम महाकालेश्वर मंदिर पहुंची थी। टीम के सदस्यों ने यहां धागे से बाबा महाकाल के शिवलिंग की गोलाई नापी और यंत्रों से शिवलिंग के क्षरण की जांच की।
टीम के अन्य सदस्यों ने अलग-अलग तरीके से शिवलिंग के अनगिनत फोटो भी लिए। इसके साथ ही टीम के सदस्य महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में जाने के साथ ही मंदिर परिसर में स्थित भगवान नागचंद्रेश्वर और ओमकारेश्वर महादेव के गर्भगृह में भी पहुंचे और यहां भी यह पता किया कि पूजन-अर्चन से कहीं शिवलिंग का क्षरण तो नहीं हो रहा है।
एएसआई और जीएसआई की आठ सदस्यीय टीम के प्रमुख रामजी निगम हैं। टीम ने मंगलवार को उज्जैन पहुंचकर सबसे पहले भगवान भगवान महाकाल मंदिर में पूजन-अर्चन किया, जिसके बाद बाबा महाकाल के शिवलिंग, महाकाल मंदिर के गर्भगृह, मंदिर के शीर्ष भाग पर स्थित ओंकारेश्वर मंदिर और नागचंद्रेश्वर मंदिर का निरीक्षण किया। यहां मजबूती को लेकर बारीकी से जांच की गई।
जांच टीम के प्रमुख रामजी निगम ने बताया कि माननीय न्यायालय के आदेश पर टीम यहां आई है, जिनके द्वारा पूरे महाकाल मंदिर का निरीक्षण किया गया। इस टीम में दिल्ली और भोपाल के चार प्रमुख सदस्य मौजूद हैं।
उनके साथ ही सहयोगी के रूप में चार सहायक सदस्य भी साथ आए हैं, जो की समीक्षा करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार कर इसे सुप्रीम कोर्ट में पेश करेंगे। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक स्थिति का पता चल पाएगी कि सभी निर्देशों का पालन करने के बाद शिवलिंग का क्षरण हो रहा है या नहीं।
गौरतलब है कि महाकाल मंदिर शिवलिंग को हो रहे नुकसान को लेकर वर्ष 2017 में मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया था। मामले में आदेश जारी किया गया था कि एएसआई और जीएसआई की टीम प्रतिवर्ष शिवलिंग की जांच कर रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी। (HS)