रांची: झारखंड में सरकार गिराने की साजिश रचने के आरोप में तीन लोगों की गिरफ्तारी की गयी है। अब इस मामले में एक बड़ा ट्विस्ट सामने आया है। पुलिस ने जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें एक सब्जी बेचने वाला तो दूसरा ठेका मजदूर है। ये दोनों बोकारो के रहनेवाले हैं।
पुलिस ने इन तीनों को राजधानी रांची के बड़े होटल ली-लैक से गिरफ्तार करने का दावा किया है। जबकि इनके परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने इन्हें दो दिन पहले बोकारो में उनके घरों से उठाया था।
पुलिस ने जिन तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें अभिषेक दुबे, निवारण प्रसाद महतो और अमित सिंह शामिल है।
परिजनों का कहना है कि निवारण प्रसाद महतो बोकारो में सब्जी और फल की दूकान लगाते हैं जबकि अमित सिंह दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करते हैं। निवारण प्रसाद महतो के चचेरे भाई का कहना है कि पुलिस ने दोनों को 22 जुलाई को ही बोकारो में यह कहकर घर से उठाया था कि एक मामले में पूछताछ करनी है। जिसके बाद परिजन परेशान रहे। घर व डीएसपी के दफ्तर दौड़ते रहे। पुलिस द्वारा पहले कहा गया कि एक-डेढ़ घंटे में छोड़ दिया जायेगा। लेकिन इसके बाद उन्हें एक स्कॉर्पियो में बिठाकर कहीं और ले जाया गया। बार-बार पूछने पर भी पुलिस ने परिजनों को कुछ नहीं कहा। आज दोपहर बोकारो पुलिस ने उन्हें बताया कि दोनों को रांची कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आपलोग रांची जाकर पता कर सकते हैं।
परिजनों ने बताया कि जब रांची आये तो उन्हें पता चला कि दोनों को सरकार गिराने की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। परिजनों ने साफ़ कहा कि गिरफ्तार किये गये दोनों लोग निर्दोष हैं। भला रोज कमाने-खाने वाले दोनों लोगों का राजनीति से दूर-दूर तक लेना-देना नहीं है, फिर ये सरकार गिराने की साजिश कैसे रच सकते हैं?
परिजनों का आरोप है कि दोनों को साजिश में फंसाया जा रहा है। अमित सिंह के परिजनों ने अमित सिंह का गेट पास भी मीडिया के सामने रखा, जिससे ये पता चलता है कि वह बीएसएल में ठेका मजदूरी करता है।
दोनों के परिजन बार-बार कोतवाली थाना की पुलिस से गुहार लगाते नजर आये।