Deoghar: देवघर नगर थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी रतन कुमार सिंह पिछले करीब चार माह से निलंबित हैं। देवघर शहर स्थित पीएनबी बैंक के गार्ड के साथ हाथापाई करने के आरोप में जहां उनके खिलाफ नगर थाना में मामला दर्ज किया गया था। वहीं डीआइजी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए उन्हें निलंबित कर दिया था। उसके बाद से वे अभी तक निलंबित हैं।
मजे की बात ये है कि पुलिस जांच के क्रम में उनके खिलाफ जो आरोप लगाए गए थे उससे जुड़े समुचित साक्ष्य नहीं मिले। इस कारण मामले के अनुसंधानकर्ता ने न्यायालय में अंतिम प्रतिवेदन दाखिल कर दिया है। इसमें दर्शाया गया है कि उनके खिलाफ लगे आरोप से जुड़े समुचित साक्ष्य नहीं मिले हैं जिससे ये कहा जा सके कि उन्होंने बड़ी गलती की है।
जानकारी हो कि उनके खिलाफ चार जनवरी को बैंक के शाखा प्रबंधक अंकित राज द्वारा नगर थाने में मामला दर्ज कराया गया था। वहीं इससे पहले वहां के सुरक्षा गार्ड अशोक कुमार यादव के खिलाफ रतन कुमार सिंह ने दो जनवरी को नगर थाने में मामला दर्ज किया था। मामला दर्ज करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया था। बाद में वह बेल पर रिहा होकर बाहर आया। इस मामले में अशोक कुमार यादव के खिलाफ पुलिस ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दिया है। ये दोनों ही मामले फिलहाल न्यायालय में विचाराधीन है।
तनाव के कारण आंख की रौशनी पर गहरा प्रभाव
वहीं इस घटना के बाद से निलंबित थाना प्रभारी रतन कुमार सिंह काफी मानसिक तनाव में थे। रतन सिंह के करीबी बताते हैं कि इस कारण उनके आंख की रौशनी पर गहरा प्रभाव पड़ा है। एक आखं की रौशनी लगभग समाप्त हो गई है वहीं दूसरे में भी रौशनी कम हुई है। फिलहाल उनका इलाज रांची में चल रहा है। इस दौरान वहां उनके आंख का आपरेशन भी किया गया है।