Ranchi: करीब 10 घंटे पूछताछ की बाद सेना की जमीन फर्जीवाड़े मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने गुरुवार को रांची के पूर्व डीसी और समाज कल्याण विभाग के निदेशक आईएएस छवि रंजन को गिरफ्तार कर लिया है। रांची में जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ईडी ने छवि रंजन को दूसरी बार पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसके बाद देर शाम छवि रंजन को गिरफ्तार कर लिया गया।
इससे पहले गुरुवार को हुई पूछताछ में करीब एक दर्जन जमीन के बारे में जानकारी लेने का ईडी ने प्रयास किया। इस दौरान कई जमीन दलालों के और छवि रंजन के बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन होने के सबूत मिले है। हालांकि छवि रंजन ने ईडी को बताया कि रजिस्ट्री का सारा दारोमदार सब रजिस्ट्रार के जिम्मे था।
बता दें कि पूर्व के दो समन पर जब आईएएस अधिकारी छवि रंजन पूछताछ के लिए ED कार्यालय नहीं पहुंचे तो ईडी ने तीसरा समन भेजकर 24 अप्रैल को रांची स्थित जोनल कार्यालय में बुलाया था। इस दौरान करीब 10 घंटे के पूछताछ में आईएएस छवि रंजन अधिकतर सवालों के जवाब ठीक से नहीं दे पाए, कई सवालों पर चुप्पी साधी या फिर कहा याद नहीं है। छवि रंजन से ईडी ने उनके और आश्रितों से जुड़ी सारी संपत्ति के रिकॉड भी मांगा था। छवि रंजन को भूमि घोटाले में गिरफ्तार लोगों को सामने बैठाकर भी पूछताछ की गई थी। पूछताछ में बताया था कि जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ की गई है। रांची के तत्कालीन डीसी छवि रंजन के निर्देश पर उनलोगों ने गलत दस्तावेज बनाए। इसके लिए पैसे भी मिले थे। प्रशासन की ओर से जमीन पर कब्जा दिलाने में भी सहयोग किया जाता था। छवि रंजन के विरुद्ध ईडी को गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त साक्ष्य भी मिले थे।
बता दें कि आर्मी से जुड़े जमीन घोटाले मामले ईडी ने बीते माह 13 अप्रैल को आईएएस छवि रंजन सहित 18 लोगों से जुड़े 22 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। छापेमारी में बड़गाई के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के आवास भारी मात्रा में डीड मिले थे। वहीं कुछ जमीन माफिया के यहां से फर्जी डीड बनाने के स्टांप आदि भी मिले थे। छापेमारी में छवि रंजन का मोबाइल भी ईडी ने बरामद किया था, जिसमें ईडी के संभावित प्रश्न व उसके तैयार उत्तर भी थे।