Deoghar: जसीडीह रेलवे स्टेशन का नाम बाबा बैद्यनाथधाम स्टेशन होगा (Jasidih station will be named Baidyanathdham)। ये सुनकर देवघर वासियों की दिवाली की खुशियां चार गुनी बढ़ गई है। देवघर के लोग इस बात से उत्साहित हैं कि कब वो दिन जल्द आये कि जसीडीह स्टेशन की जगह बाबा बैद्यनाथधाम स्टेशन का बोर्ड लगा हो और यहां पहुँचते ही लोगों की जुबान पर पहला नाम बाबा बैद्यनाथ का हो।
देवघर वासी इस बेहतरीन पहल के लिए गोड्डा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे (Godda MP Dr. Nishikant Dubey) का आभार प्रकट कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर निशिकांत दुबे इस कार्य में नहीं लगते तो शायद हमें जानकारी भी नहीं होती कि आज का जसीडीह स्टेशन किसी जमाने में बैद्यनाथ स्टेशन के नाम से जाना जाता था। जिसके पुख्ता दस्तावेज भी हैं।
यहां के लोगों ने सांसद को धन्यवाद करते हुए कहा कि ये वाक़ई न सिर्फ देवघरवासी बल्कि देश-विदेश से बाबा बैद्यनाथ का दर्शन करने देवघर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुकून देने वाली खबर है।
लोगों ने अपने-अपने अंदाज में सांसद निशिकांत का शुक्रिया किया है। आप भी सुनें…
क्या है मामला
यहां बता दें, पिछले दिनों गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने इस्टर्न रेलवे के जीएम को पत्र लिख कर जसीडीह स्टेशन का नाम बदलने की मांग करते हुए इसका नाम बैद्यनाथधाम स्टेशन सुझाया था। उनका कहना था कि जसीडीह स्टेशन का नाम कभी बैद्यनाथधाम स्टेशन था। यदि इसके दस्तावेज हैं, तो खोजा जाना चाहिए। और अगर पुराने दस्तावेज मिल जाये, तो जसीडीह स्टेशन का नाम बदल कर बैद्यनाथधाम स्टेशन कर देना चाहिए। सांसद निशिकांत की इस मांग पर इस्टर्न रेलवे के जीएम अरुण अरोड़ा ने पुराने दस्तावेजों को निकलवाया। जिसमें ये साफ हुआ कि डॉ. निशिकांत का दावा सही है कि वाकई जसीडीह स्टेशन का नाम बैद्यनाथधाम स्टेशन हुआ करता था। मिले दस्तावेज के आधार पर पुष्टि करते हुए जीएम ने सांसद को पत्र लिखकर कहा कि, 1874 में आज का जसीडीह स्टेशन, बैद्यनाथ स्टेशन था।
जीएम के पत्र में कहा गया है कि जांच में मिला है कि 1874 की कार्य समय-सारणी में बैद्यनाथ स्टेशन दिखता है। उस वक्त यह स्टेशन जंक्शन नहीं था। वहीं 1884 की कार्य समय-सारणी बैद्यनाथ जंक्शन के अस्तित्व को दर्शाती है। हालांकि बैद्यनाथ स्टेशन 1874 में ही आसनसोल-मोकामा मेन लाइन पर था, पर जंक्शन स्टेशन नहीं था। 1884 में जंक्शन बना। इससे प्रतीत होता है कि जसीडीह बैद्यनाथधाम ब्रांच लाइन तब तक बन चुकी होगी।
जिसके बाद सांसद निशिकांत ने कहा कि दशकों पहले 1874 से 1884 तक जसीडीह स्टेशन का नाम बैद्यनाथ स्टेशन व बैद्यनाथ जंक्शन था। रेलवे ने अपने पुराने दस्तावेज में इसकी पुष्टि कर दी है। इतना ही नहीं सांसद ने जानकारी दी कि रेलवे ने अब जसीडीह स्टेशन का नाम बदलकर बाबा बैद्यनाथधाम व वर्तमान में जो बैद्यनाथधाम स्टेशन है उसका नाम बैद्यनाथधाम सिटी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि हर साल करोड़ो की संख्या में देवघर आने वाले श्रद्धालुयों को नाम के कारण परेशानी होती है। ऐसे में जसीडीह स्टेशन का नाम बदलकर एक बार फिर बैद्यनाथ धाम स्टेशन हो जाने आम जन मानस को सहूलियत होगी।