Ranchi: मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम (Mass Drug Administration Program) 16 सितंबर से 30 सितंबर तक चलेगा। इसमें झारखंड के 13190647 लोगों को फाइलेरिया की दवा (DEC) देने का लक्ष्य रखा गया है। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राज्यभर के 72 सीएचसी, 1542 हेल्थ सब सेंटर और 121136 गांव तक स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचकर डीईसी की दवा देंगे।
राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 20951 कर्मी और 2095 सुपरवाइजर इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि मरीजों की संख्या को कम करना वेक्टर बॉर्न डिजीज डिपार्टमेंट के लिए बड़ा चैलेंज है। चूंकि देश के 131 जिलों में फाइलेरिया के मरीज हैं, जिनमें 22 जिले केवल झारखंड से हैं। डॉ छवि पन्त, ज्वाइंट डायरेक्टर एनसीवीबीडीसी, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा कि इसके लिए हमें 2026 तक फाइलेरिया को जड़ से खत्म करना होगा, तभी हम 2030 तक मॉनिटरिंग करेंगे और एक भी मरीज नहीं मिलेगा तो घोषणा कर सकेंगे कि भारत फाइलेरिया मुक्त हो गया है।
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग अरुण कुमार सिंह ने कहा कि इसके लिए हमलोग मिल कर काम कर रहे हैं, जिससे फाइलेरिया को खत्म करने में मदद मिलेगी। दवा खिलाने के लिए बूथ बनाये गये हैं। इसके बाद डोर टू डोर जाकर दवाई खिलायी जायेगी। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों का ही परिणाम है कि राज्य में फाइलेरिया और कालाजार के मरीजों की संख्या में कमी देखी जा रही है। राज्य में वर्ष 2020-2021 के आकड़ों के अनुसार लिम्फेडेमा (अंगों में सूजन) के लगभग 43985 मरीज हैं। हाइड्रोसिल के 44620 मरीजों की पुष्टि हुई है। उसमें से 38376 मरीजों का ऑपरेशन किया जा चुका है।
कार्यक्रम की रूपरेखा
- 16 सितम्बर से 30 सितम्बर तक झारखंड के आठ फाइलेरिया प्रभावित जिलों लोहरदगा, इस्ट सिंहभूम, वेस्ट सिंहभूम, गिरिडीह, गढ़वा, खूंटी, हजारीबाग में खिलायी जायेगी दवा।
- दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को दवा नहीं खिलाने का निर्देश।
- उम्र के अनुसार डीईसी और अलबेंडाजोल की निर्धारित खुराक ट्रेंड स्वास्थ्यकर्मियों के सामने खिलायी जायेगी।
- दवा के साइड इफेक्ट पर तत्काल एक्शन लेगी रैपिड एक्शन टीम।
- लगातार पांच साल डोज लेने पर फाइलेरिया होने की संभावना हो जायेगी खत्म।
- शहर से लेकर गांव तक कहीं भी जल जमाव न हो इसके लिए लोगों को करेंगे जागरूक।
- मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयार कर रहा एसओपीपी।
- 72 सीएचसी पर दवा खिलाने का है विभाग का इंतजाम।
- 1542 हेल्थ सब सेंटर पर उपलब्ध है फाइलेरिया की दवा।
- 1,21,136 गांव में दवा खिलाने के लिए जायेगी टीम।
- 1,31,90,647 आबादी को दवा खिलाने का रखा है लक्ष्य।
- 20,951 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर जायेंगे डोर टू डोर दवा खिलाने।
- 2095 सुपरवाइजरों पर है निगरानी की है जिम्मेदारी।