Ranchi: झारखंड में राज्यसभा की एक सीट (One Rajya Sabha seat in Jharkhand) को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन के झामुमो और कांग्रेस के बीच सहमति के आसार नहीं हैं। कांग्रेस ने दो साल पहले हुए राज्यसभा चुनाव में झामुमो (JMM) प्रत्याशी शिबू सोरेन को समर्थन के एवज में इस बार गंठबंधन के नेता हेमंत सोरेन के सामने दावेदारी पेश की थी। खबर है कि झामुमो ने अपना उम्मीदवार उतारने का मन बना लिया है। 28 मई को झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक दल और पार्टी के प्रमुख नेताओं की बैठक होनी है जिसमें इस बाबत फैसला लिया जा सकता है।
झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य और विनोद पांडेय ने साफ कहा है कि गठबंधन में उनकी पार्टी संख्याबल के हिसाब से सबसे बड़ी पार्टी है। इस नाते राज्यसभा की पहली सीट पर पार्टी की ओर से उम्मीदवार उतारा जाना तय है। भट्टाचार्य ने कहा कि राज्यसभा के पिछले चुनाव में कांग्रेस ने भी अपना उम्मीदवार उतारा था। कांग्रेस को अगर झामुमो के प्रमुख शिबू सोरेन की प्रतिष्ठा का ख्याल रहता तो वह उम्मीदवार नहीं उतारती।
केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य के नाम की भी चर्चा
इस बीच झामुमो के अंदरखाने में राज्यसभा की उम्मीदवारी के लिए हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन का नाम प्रमुखता से उठ रहा है। लंबे समय से पार्टी से जुड़े और इसकी नीतियों के निर्धारण में अहम भूमिका निभानेवाले केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य के नाम की भी चर्चा है।
मुख्यमंत्री और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन से राज्यसभा की उम्मीदवारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में सही समय पर निर्णय लिया जायेगा।
कांग्रेस को सहमति की उम्मीद
उधर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने दोहराया है कि राज्यसभा की उम्मीदवारी को लेकर पार्टी नेतृत्व ने झामुमो से कई दौर की बातचीत की है और अब भी उम्मीद की जा रही है कि इसे लेकर सहमति बन जायेगी।
प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडेय ने भी कहा है कि हमारा प्रयास है कि यूपीए की तरफ से एक सर्वसम्मत उम्मीदवार घोषित हो। कांग्रेस ने इसे लेकर आलाकमान और झारखंड में गठबंधन के मुखिया हेमंत सोरेन से भी बात की थी।
बता दें कि झारखंड में राज्यसभा की दो सीटों पर आगामी 10 जून को चुनाव होने हैंए जिसके लिए अधिसूचना 24 मई को ही जारी कर दी गयी है। 82 सदस्यों वाली झारखंड विधानसभा में फिलहाल 80 विधायक हैं। इस संख्याबल के हिसाब से एक प्रत्याशी की जीत के लिए फस्र्ट प्रायोरिटी के 27 मतों की जरूरत होगी। झामुमो के विधायकों की संख्या 30 है। इससे उसके एक प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित मानी जा रही है। दूसरी सीट पर भाजपा की दावेदारी है क्योंकि एनडीए गठबंधन की सदस्य संख्या 28 है। कांग्रेस के पास मात्र 17 विधायक हैं और अगर अकेले अपने बूते इस सीट पर दर्ज कर पाने की स्थिति में नहीं है।