देवघर।
अब इसे सरकार की मजबूरी कहिये या प्रशासन की मेहरबानी, लेकिन सवाल उठना तो लाजमी है कि आखिर एक ही अधिकारी में ऐसी क्या खासियत कि एक नहीं, दो नहीं बल्कि पुरे पांच पदों का प्रभार सौंप दिया गया हो।
देवघर जिले में ऐसे कई विभाग हैं, जहां वरीय अधिकारी का पद रिक्त रहने पर उस पद की जिम्मेवारी सम्बंधित दूसरे पद पर आसीन अधिकारी को दे दी गयी है। लेकिन, एक ही अधिकारी को पांच विभाग की जिम्मेवारी दे दिया जाना भी सवाल उठा रहा है।
दरअसल, देवघर स्पेशल डिवीजन के कार्यपालक अभियंता हैं जितेंद्र पासवान, जिन्हें सोमवार को पांचवें पद का प्रभार सौंपा गया। जितेंद्र पासवान पहले से ही स्पेशल डिवीज़न के कार्यपालक अभियंता के अलावा जिला परिषद देवघर के कार्यपालक अभियंता, नगर पर्षद मधुपुर के कार्यपालक अभियंता और NREP के कार्यपालक अभियंता के प्रभार में हैं, अब इन्हे देवघर नगर निगम के कार्यपालक अभियंता की जिम्मेवारी भी सौंप दी गयी है। यानी पहले से चार पदों को संभाल रहे जितेंद्र पासवान को पांचवा प्रभार सोमवार को सौपा गया है। जबकि, NREP का प्रभार REO के कार्यपालक अभियंता को सौंपने का आदेश 18 दिसंबर 2020 को ही सरकार द्वारा दिया गया है। बावजूद इसके जितेंद्र पासवान NREP के पद पर काबिज हैं और वरीय अधिकारी इन्हें दूसरे विभाग की भी ज़िम्मेदारी सौंप रहे हैं।
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जितेंद्र पासवान को पांचवा पद का प्रभार मिलने के बाद प्रशासनिक गलियारों में हलचल सी है। दबी जबान में अधिकारी व कर्मचारी सवाल उठा रहे कि क्या दूसरे विभाग में कार्यपालक अभियंता इस काबिल नहीं कि इन विभाग का प्रभार उन्हें सौंपा जाये।
अब सवाल ये भी है कि पांच विभाग का बीड़ा उठा रहे कार्यपालक अभियंता क्या हर विभाग के विकास कार्यों के साथ न्याय कर पाएंगे?
वहीं, दूसरा सवाल सरकार से भी है कि आखिर रिक्त पदों को भरने के लिए डायरेक्ट पदस्थापन क्यों नहीं सरकार कर रही कि एक अधिकारी को पांच पद संभालने की जरूरत आ पड़ी है।