Ranchi: राज्य के निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम कसने की तैयारी कर ली गई है। नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत निजी स्कूलों की मान्यता के लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने पोर्टल तैयार किया है। हालांकि अभी तक इसका उपयोग नहीं हो पा रहा। लेकिन विभाग के सचिव के रवि कुमार ने अब हर हाल में मान्यता के लिए ऑनलाइन व्यवस्था शुरू करने के निर्देश सभी उपायुक्तों और जिला शिक्षा अधीक्षकों को दिए हैं।
नई व्यवस्था के तहत निजी स्कूल के संचालक आरटीई के तहत मान्यता के लिए डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट आरटीई डॉट झारखंड डॉट जीओवी डॉट इन पर ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। पोर्टल की दाहिनी ओर रजिस्ट्रेशन लिंक उपलब्ध है, जिसके माध्यम से वे अपना लाग इन तथा पासवर्ड बनाएंगे। पुराने स्कूल को यू डॉयस कोड देना होगा जबकि नए स्कूल स्वयं रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। सभी आवश्यक जानकारी भरने तथा कागजात अपलोड करने के बाद स्कूल का रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। इसके बाद जिला शिक्षा अधीक्षक इसी पोर्टल के माध्यम से आवेदन की सारी जानकारी तथा कागजातों की समीक्षा के बाद उसे स्वीकार करेगा या अस्वीकार कर देगा।
इस बीच जिला शिक्षा अधीक्षक कोई अन्य कागज की भी मांग कर सकेंगे। सभी सूचनाएं व कागजात सही पाए जाने के बाद जिला शिक्षा अधीक्षक स्कूल के निरीक्षण की तिथि ऑनलाइन भरेंगे। स्कूल के भौतिक निरीक्षण के बाद वह अपनी फाइनल रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड करेगा। आवेदन स्वीकार होने के बाद वह ऑनलाइन ही उपायुक्त के पास चला जाएगा।
उपायुक्त जिला स्थापना समिति की बैठक का समय ऑनलाइन देंगे। जिला स्थापना समिति की बैठक के बाद उसकी कार्यवाही की रिपोर्ट स्वीकार या अस्वीकार रिमार्क के साथ पोर्टल पर अपलोड करेंगे। आवेदन स्वीकार होने के बाद आरटीई के तहत मान्यता का प्रमाणपत्र ऑनलाइन जारी हो जाएगा, जिसे स्कूल डाउनलोड कर सकेंगे।
आरटीई पोर्टल पर अभी तक 764 स्कूलों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। हालांकि मान्यता के लिए आवेदन महज 89 स्कूलों ने दिया है। इनमें भी अभी तक महज चार स्कूलों को मान्यता का प्रमाणपत्र ऑनलाइन मिल सका है। अब सचिव ने कहा है कि किसी भी हाल में निजी स्कूल को मान्यता मैनुअल आवेदन पर नहीं दी जाएगी। साथ ही ऑनलाइन प्रक्रिया समय पर पूरी नहीं करनेवाले जिला शिक्षा अधीक्षक के विरुद्ध कार्रवाई भी होगी।