New Delhi: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister for Road Transport and Highways Nitin Gadkari) ने मंगलवार को फिर से ईवी निर्माताओं (EV manufacturers) को सभी दोषपूर्ण दोपहिया वाहनों को वापस बुलाने (Recall of all defective two wheelers) के लिए चेतावनी (Warning) दी। उन्होंने कहा कि कुछ ईवी बैटरियां ज्यादा गर्म हो जाने के चलते फट जा रही हैं। यहां रायसीना डायलॉग को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि घरेलू ईवी उद्योग ‘अभी शुरू हुआ है’ लेकिन ‘सुरक्षा सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है और मानव जीवन के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता’।
गडकरी ने दर्शकों से कहा, “मार्च-अप्रैल-मई के महीनों में तापमान बढ़ जाता है और ईवी बैटरियों में कुछ समस्या हो सकती है। मुझे लगता है कि यह (उच्च) तापमान की समस्या है।”
इस बात पर उन्होंने जोर दिया कि सरकार ईवी को जनता के बीच अधिक लोकप्रिय बनाना चाहती है। उन्होंने कहा, “हम कोई बाधा नहीं डालना चाहते हैं लेकिन सुरक्षा पहली और सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता है।” गडकरी ने पिछले हफ्ते ईवी निर्माताओं को चेतावनी दी थी कि अगर कोई कंपनी लापरवाही बरतती है, तो ‘भारी जुर्माना लगाया जाएगा और सभी दोषपूर्ण वाहनों को वापस बुलाने का भी आदेश दिया जाएगा’।
उन्होंने कहा, “हमने इन घटनाओं की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है और उपचारात्मक कदमों पर सिफारिशें की हैं। रिपोटरें के आधार पर, हम चूक करने वाली कंपनियों पर आवश्यक आदेश जारी करेंगे।”
गडकरी ने कहा, “हम जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए गुणवत्ता केंद्रित दिशानिर्देश जारी करेंगे।” उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब देश इलेक्ट्रिक वाहनों की आग और घातक बैटरी विस्फोटों के दौर से गुजर रहा है।
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर से जुड़ी एक और दुखद घटना में, आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में एक 40 वर्षीय व्यक्ति की घर में चार्ज करते समय बूम मोटर्स के एक ई-स्कूटर में विस्फोट के बाद मौत हो गई। इस घटना में कोटाकोंडा शिव कुमार की पत्नी और दो बेटियां भी गंभीर रूप से झुलस गईं।
अब तक देश में तीन ईवी, एक ओला, दो ओकिनावा और 20 जितेंद्र ईवी स्कूटर में आग लग चुकी है, जिससे उनकी सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स में घातक आग ने पूरे ईवी उद्योग और उसके हितधारकों को हिलाकर रख दिया है, जिससे सरकार को ईवी निर्माताओं को तुरंत दोषपूर्ण वाहनों को वापस बुलाने का निर्देश देने के लिए मजबूर होना पड़ा है।