New Delhi: केंद्र सरकार(Central Government) ने मंगलवार को संसद में कहा कि प्रत्येक भारतीय नागरिक जनगणना के सवालों (Census questions for every Indian citizen) का जवाब देने के लिए कानूनी रूप से बाध्य है (legally bound) और जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के संकलन को सुचारु रूप से चलाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के जवाब में लोकसभा को बताया, “प्रत्येक व्यक्ति कानूनी रूप से अपने ज्ञान या विश्वास के अनुसार जनगणना के सवालों का जवाब देने के लिए बाध्य है और जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को सुचारु रूप से चलाने के लिए राज्य सरकारों के समर्थन से सभी आवश्यक उपाय किए जाते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि जनगणना अधिनियम 1948 के प्रावधानों के तहत राज्य सरकारें जनगणना अधिकारियों की सहायता या निगरानी के लिए जनगणना अधिकारियों की नियुक्ति करती हैं।
मंत्रालय के अधिकारियों ने यह भी कहा कि जनगणना के आवास सूची चरण और एनपीआर को अपडेट करने की कवायद 1 अप्रैल से 30 सितंबर, 2020 तक पूरे देश में की जानी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण स्थगित कर दी गई।
सरकार ने जनगणना अभियान को रोक दिया है, लेकिन अभी तक नए कार्यक्रम की घोषणा नहीं की है।