New Delhi: पर्यटन को बढ़ावा देने और रेल यात्रा के दौरान खूबसूरत प्राकृतिक नजारों का आनंद लेने के लिए, भारतीय रेलवे द्वारा हाल ही में शुरू की गई विस्टाडोम कोचों (vistadome compartments) का संचालन देश में 45 ट्रेनों में किया जा रहा है।
राज्यसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने शुक्रवार को एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी कि वर्तमान में, क्षेत्रीय रेलवे में 45 ट्रेनों का संचालन विस्टाडोम डिब्बों के साथ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक सुंदरता के आधार पर इनके मार्गों का चयन किया जाता है। इसके अलावा, विस्टाडोम कोचों का आवंटन कोचों की उपलब्धता, इसकी परिचालन व्यवहार्यता, भार सीमा, ट्रेन की यात्रा के दिन-समय और यात्रियों की मांग जैसे कारकों पर आधारित है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में विस्टाडोम कोचों का संचालन मध्य रेलवे द्वारा- मुंबई-पुणे एक्सप्रेस, मुंबई-मडगांव एक्सप्रेस और डेक्कन क्वीन एक्सप्रेस में किया जा रहा है। वहीं ईस्ट कोस्ट रेलवे द्वारा विशाखापत्तनम-किरंदुल एक्सप्रेस (अराकू तक), पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे द्वारा- अलीपुरद्वार-न्यू जलपाईगुड़ी एक्सप्रेस, गुवाहाटी-बदरपुर एक्सप्रेस, तिनसुकिया-नाहरलागुन एक्सप्रेस दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (एनजी) में किया जा रहा है।
इसी तरह से पश्चिम रेलवे द्वारा अहमदाबाद-केवड़िया एक्सप्रेस, अहमदाबाद-केवड़िया एक्सप्रेस, महू-पातालपानी-कलाकुंड (एमजी) बिलिमोरा-वाघई (एनजी) में किया जा रहा है। इसके साथ ही दक्षिण पश्चिम रेलवे द्वारा यशवंतपुर-मंगलौर एक्सप्रेस, यशवंतपुर-कारवार एक्सप्रेस, यशवंतपुर-मंगलौर एक्सप्रेस, यशवंतपुर-शिवमोग्गा एक्सप्रेस में किया जा रहा है।
उत्तर रेलवे इसका संचालन कालका-शिमला एक्सप्रेस में कर रहा है और उत्तर पूर्व रेलवे द्वारा विस्टाडोम कोच का इस्तेमाल मैलानी-बिछिया स्पेशल (एमजी) में किया जा रहा है।
दरअसल, पर्यटन को बढ़ाने के उद्देश्य से रेलवे द्वारा हाल ही में शुरू की गई विस्टाडोम कोच वाली ट्रेनों को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है। हजारों यात्री इस ट्रेन के जरिए से यात्रा कर रहे हैं। सेंट्रल रेलवे के अनुसार तीन महीने के भीतर ही 20 हजार से अधिक यात्री विस्टाडोम ट्रेन से यात्रा कर चुके हैं, जिससे सेंट्रल रेलवे को काफी कमाई हुई है। अक्टूबर से दिसंबर, 2021 के बीच में तीन महीने के दौरान सेंट्रल रेलवे के तहत चलने वाली विस्टाडोम ट्रेन से 20,407 यात्रियों ने यात्रा की और केवल इस दौरान सेंट्रल रेलवे को 2.38 करोड़ रुपये की कमाई हुई है।
विस्टाडोम कोच को लेकर हाल ही में केंद्रीय मंत्री राव साहब दानवे ने ट्वीट कर कहा था कि, ‘‘रेल यात्रा के दौरान खूबसूरत प्राकृतिक नजारों का आनंद लेने के लिए तैयार किए गए भारतीय रेलवे के विस्टाडोम कोचों को मुंबई-पुणे, मुंबई-गोवा रूटों पर जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। तीन महीनों में 20 हजार से ज्यादा यात्रियों ने विस्टाडोम कोच के जरिए सफर किया।”
गौरतलब है कि यूरोपीय शैली में बनाए गए नए विस्टाडोम एलएचबी कोच 220 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकते हैं। हालांकि, रेलवे ने फिलहाल इसकी गति 180 किमी प्रति घंटा ही निर्धारित की है। विस्टाडोम में शीशे की छत, शीशे की खिड़कियां और 180 डिग्री तक घूमने वाली सीट की सुविधा दी गई है। इस कोच में यात्रियों की सुविधा के लिए वाई-फाई-आधारित यात्री सूचना प्रणाली दी गई है। ऑवजरवेशन लाउंज में बड़ी खिड़की बनाई गई है। वहीं सुरक्षा के लिहाज से खिड़कियों को ग्लास शीट से लेमिनेट किया गया है।
इसके साथ ही विस्टाडोम कोच में एयर-स्प्रिंग सस्पेंशन की भी सुविधा है। प्रत्येक व्यक्ति के लिए मोबाइल को चार्ज प्वाइंट, डिजिटल डिस्प्ले और स्पीकर लगाए गए हैं, जिसकी मदद से यात्री अपने मन मुताबिक गानों का लुत्फ उठा सकते हैं।