नई दिल्लीः देश में भले ही कोरोना वायरस का प्रकोप धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन आपको बहुत ही ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। आपको बता दें कि नई गाइडलाइन के अनुसार, कोरोना वायरस छींक द्वारा 10 मीटर तक आपको संक्रमित कर सकता है। केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय की तरफ से प्रेस रिलीज जारी कर कोरोना संक्रमण को लेकर नई एडवाइजरी जारी की गई है।
प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय ने एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया है कि कोरोना के रोकथाम के लिए डबल मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन पर ध्यान देना जरूरी है।
नई एडवाइजरी में बताया गया है कि देश में कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच हमें उन सामान्य नियमों को एक बार फिर से याद रखने की जरूरत है जिसके जरिए सार्स-CoV-2 वायरस का ट्रांसमिशन सीमित कर सकते हैं। एडवाइजरी के अनुसार, दफ्तरों और घरों में वेंटिलेशन के जरिए संक्रमण का खतरा कम किया जा सकता है।
इसस पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल लैंसेट और अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ भी वायरस के हवा से फैलने की बात कह चुके हैं।
इस पर पुख्ता जानकारी नहीं है:
कोरोना वायरस कहां और कितनी देर तक फैलता है, इसे लेकर कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। लेकिन तमाम तरह के रिसर्च इस बात की ओर इशारा करते हैं कि यह हवा में 8 से 10 घंटे तक रह सकता है। इसके साथ ही प्लास्टिक पर 3 से 4 घंटे, स्टील और कागज पर दो घंटे तक रहने की संभावना बताई गई है। इसलिए प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार ने भी संक्रमित व्यक्ति के आसपास की जगहों को सैनिटाइज करने और समय पर हाथ धोने की प्रक्रिया को अपनाने को कहा है।
एयरबार्न सावधानी पर हो रहा विचार
WHO की ओर से अस्पताल में काम करने वाले हेल्थ वर्कर्स के लिए खास तौर पर एयरबार्न प्रिकॉशन पर विचार किया जा रहा है। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि जिन अस्पतालों में खासकर कोविड का इलाज होता है, वहां एयरोसोल की संभावना काफी बढ़ जाती है। ऐसे में हेल्थ केयर वर्कर्स आसानी से संक्रमित हो सकते हैं। यही वजह है कि उन्हें अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।