नई दिल्ली।
कोरोना संक्रमण कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग एप आरोग्य सेतु की प्राइवेसी को लेकर देश में शुरू से ही बवाल मचा हुआ है। कई बड़े एथिकल हैकर्स ने भी एप्प की प्राइवेसी पर सवाल उठाए हैं लेकिन बावजूद इसके महज 41 दिनों में 10 करोड़ लोगों ने आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड किया है। और अब ओपन सोर्स होने वाला दुनिया का पहला सरकारी एप आरोग्य सेतु
एप बन गया है . आरोग्य सेतु एप के लिए बग बाउंटी प्रोग्राम भी शुरू किया गया है.
आरोग्य सेतु एप की प्राइवेसी को लेकर सरकार ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया. जिसमें सरकार ने बड़ा एलान करते हुए आरोग्य सेतु एप के एंड्रॉयड वर्जन को ओपन सोर्स कर दिया है। सरकार ने यह भी कहा है कि 26 मई की आधी रात के बाद एप का सोर्स कोड उपलब्ध करा दिया जाएगा। सरकार की ओर से कहा गया कि आरोग्य सेतु दुनिया का पहला सरकारी सॉफ्टवेयर या एप है जिसे ओपन सोर्स किया गया है।
ओपन सोर्स होने का मतलब है कि दुनिया का कोई भी डेवलपर्स यह जान सकता है कि आरोग्य सेतु में कौन-कौन सी जानकारी स्टोर हो रही है और एप आपके फोन में क्या कर रहा है।
इनाम के साथ लॉन्च हुआ बग बाउंटी प्रोग्राम
सरकार ने एप में बग को खोजने के लिए बग बाउंटी प्रोग्राम भी लॉन्च किया है, जिसके तहत आरोग्य सेतु एप में कोई बग खोजने पर एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। सरकार ने सभी डेवलपर्स का स्वागत करते हुए कहा कि एप को लेकर यदि उनके मन में कोई सवाल है, कोई कमी है या फिर कोई सुझाव है तो उसका स्वागत है।
आरोग्य सेतु एप की प्राइवेसी को लेकर उठे थे सवाल
जानकारी हो, कि फ्रांस के सिक्योरिटी एक्सपर्ट और एथिकल हैकर इलियट एंडरसन ने पिछले महीने ट्वीट करके आरोग्य सेतु एप की प्राइवेसी को लेकर सवाल खड़ा किया था। उन्होंने दावा किया था कि आरोग्य सेतु एप इस्तेमाल करने वालों का डाटा खतरे में है। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि सरकार चाहती है कि लोग आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड करें तो इसके लिए आरोग्य सेतु एप का सोर्स कोड, ओपन सोर्स होना चाहिए, क्योंकि लोगों का यह जानने का हक है कि आखिर यह एप करता क्या है।
बता दें कि आरोग्य सेतु एप 12 भाषाओं में उपलब्ध है। 90 फीसदी यूजर्स एंड्रॉयड यूजर्स हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार द्वारा यह भी बताया गया कि आरोग्य सेतु एप ने तीन हजार कोरोना हॉटस्पॉट्स के बारे में 3 से 17 दिन पहले पता लगाया।