बिलासपुर/रायपुर: टूल किट मामले में सोमवार को हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को बड़ी राहत देते हुए आगामी सुनवाई तक एफआईआर पर रोक लगा दी है। सरकार से जवाब आने के बाद मामले की सुनवाई होगी। रमन सिंह और संबित पात्रा ने एफआईआर के खिलाफ बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की कोर्ट ने एफआईआर पर रोक लगाने का फैसला सुनाया है।
देश और प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 18 मई को ट्विटर पर कांग्रेस का कथित लेटर पोस्ट किया था। इस पोस्ट में रमन सिंह ने कांग्रेस के ऊपर देश का माहौल खराब करने की प्लानिंग के संबंध में जानकारी दी थी। पोस्ट में यह भी लिखा गया था कि कांग्रेस विदेशी मीडिया में देश को बदनाम करने को लेकर दुष्प्रचार कर रही है।
रमन सिंह की इस पोस्ट को लेकर कांग्रेस भड़क गई थी, इसके बाद युवा कांग्रेस कार्यकर्ता ने इस मामले में दोनों नेताओं पर रायपुर के सिविल लाइंस थाने में 19 मई को एफ आई आर दर्ज कराई थी।कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी की ख्याति को नुकसान पहुंचाने के लिए डॉक्टर रमन सिंह, संबित पात्रा और दूसरे भाजपा नेताओं ने सोशल मीडिया के जरिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अनुसंधान विभाग के जाली लेटर हेड पर एक फेक न्यूज साझा कर देश मे साम्प्रदायिकता और हिंसा फैलाने का प्रयास किया है।
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की ओर से भाजपा के राज्यसभा सदस्य और अधिवक्ता महेश जेठमलानी, विवेक शर्मा, गैरी मुखोपाध्याय ने पैरवी की। इससे पहले शुक्रवार को हुई सुनवाई में अधिवक्ताओं ने कहा था कि यह अभिव्यक्ति की आजादी का हनन है। इस पर कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है। जिसके बाद कोर्ट ने आवेदन पर फैसला सुरक्षित कर लिया था। फिलहाल दोनों नेताओं को अंतरिम राहत दी गई है।