नई दिल्लीः देश में पेट्रोल-डीजल और एलपीजी के लगातार बढ़ते दामों के मद्देनदर थोक महंगाई दर अब तक के सर्वाधिक स्तर पर आ गया है. देश में थोक महंगाई दर मई महीने में 12.94 फीसदी पहुंच गयी है.
मौजूदा आंकड़े बताते हैं कि महंगाई बढ़ने की सबसे बड़ी वजह पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी होना है. क्योंकि इसके कारण परिवहन लागत बढ़ गयी है. हालांकि इनमें दामों में बढोतरी दिसंबर महीने से ही जारी थी. उस समय महंगाई दर 1.9 फीसदी था.
थोक मुल्य सूचकांक के मुताबिक भारत में थोक मुद्रास्फ्रीति की शुरूआत वित्त वर्ष 2022 में बड़े पैमाने पर हुई. अप्रैल महीने से ही इसमें बढ़त जारी थी. जब यह मार्च के 7.39 फीसदी और फरवरी के 4.17 फीसदी से मुकाबले अप्रैल में बढ़कर 10.94 फीसदी हो गया था.
मई के महीने में इंधन मुद्रास्फ्रीति में 37 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जो अप्रैल महीने के 21 फीसदी के तुलना में लगभग दोगुना है. थोक मूल्य सूचकांक के अनुसार लगभग 11 महीने तक थोड़ा स्थिर रहने के बाद फरवरी में इंधन की कीमतों में 0.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. हालांकि उसके बाद इसके दाम तेजी से बढ़े हैं.
मई महीने में पेट्रोल की कीमतों में 62 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. जबकि अप्रैल में 42.37 फीसदी और मार्च में यह बढ़ोतरी 18.4 फीसदी थी. मार्च की तुलना में यह बढ़ोतरी फरवरी महीने में मात्र 0.8 फीसदी थी. वहीं एलपीजी की कीमतों में भी फरवरी के बाद जबरदस्त उछाल आया. फरवरी महीनें में एलपीजी के दाम 0.5 फीसदी बढ़े थे.जबकि मार्च में 10.5 फीसदी अप्रैल में 20.34 फीसदी और मई के महीने में 60 फीसदी तक दाम बढ़ गये थे.
देश में निर्मित की गयी वस्तुओं के दाम में 10.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. अप्रैल महीने में कीमतों में 9.01 फीसदी उछाल आया था. जो मार्च महीने की तुलना में 7.3 फीसदी अधिक थी. इसके साथ खाद्यानों की दाम में बढ़ोतरी के कारण भी लगातार पांचवे महीने महंगाई दर बढ़ी है. दैनिक जीवन के खाद्यानों की कीमतों में भी लगातार तेजी देखी जा रही है.