Patna: आज शिक्षाशास्त्र विभाग, ए. एन. कॉलेज, पटना में हिंदी दिवस के अवसर पर काव्य-पाठ का आयोजन प्रथम वर्ष और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों के द्वारा सामूहिक रूप से किया गया। दोनों सत्र के बच्चों ने स्वरचित और हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकारों की रचनाओं का पाठ कर अपने हिंदी-प्रेम को सामने रखा। कार्यक्रम संचालन राकेश कुमार और सुरभि ने किया।
दीप प्रज्वलन, माल्यार्पण के बाद काव्य पाठ शुरू हुआ। राकेश कुमार ने स्वरचित रचना ” राम अगर बनना हो, तो पहले परशुराम बनना होगा” का पाठ किया। शिवानी ने भी अपनी स्वरचित रचना “वो माँ है मेरी” का पाठ किया।
रवि और इंद्रजीत ने रश्मिरथी के अंश पाठ के साथ दिनकर को जीवित किया। मनीष ने हरिवंश राय बच्चन के अग्निपथ कविता का पाठ किया। आस्था ने भी हरिवंशराय बच्चन की कविता हारना तब आवश्यक हो जाता है” को पढा।
बशिवशंकर कुमार ने अटल बिहारी वाजपेयी की कविता “हम ही हैं हम” के माध्यम से अपने भाव को प्रगट किया। ज्योति कुमारी ने कविवर गोपाल सिंह नेपाली की कविता भाई-बहन के माध्यम से आज की मानवीय जरूरत को शब्द का जामा पहनाया।
कक्कू कुमार ने हरिवंश राय बच्चन की कविता अपने आप पनपने दो का खूबसूरती पाठ किया।
सुरभी राज ने “हरिवंश राय बच्चन की कविता तू खुद की खोज में निकल को भावपूर्ण रूप से पढ़ा।
कुमारी माण्डवी ने कविता अपने आप पनपने दो की अंतिम प्रस्तुति दी।
विभागीय प्राध्यापक डॉ सन्तोष कुमार विश्वकर्मा ने अग्निपथ कविता के माध्यम से छात्राध्यापकों को कार्यक्रम करते रहने को प्रोत्साहित किया।
विभागाध्यक्ष डॉ रीता सिंह ने बच्चों को धन्यवाद देते कहा कि पाठ्यक्रम के सारे आयामों को उत्साहपूर्वक पूरा करते हैं, आप धन्यवाद के पात्र हैं। उन्होंने उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।