Dhubri/Golaghat (Assam): असम के धुबड़ी और गोलाघाट जिले (Dhubri and Golaghat districts of Assam) में गुरुवार को दो अलग-अलग दुर्लभ प्रजाति के सांप (two different rare species of snakes) मिले हैं। सांप विशेषज्ञों ने बताया है कि इनमें से एक प्रजाति का सांप बेहद जहरीला है। इसके डसने से इंसान का बचना काफी मुश्किल है।
जानकारी के अनुसार गुरुवार धुबरी और कोकराझार जिले की सीमा से सटे सापटग्राम के वेलाकोबा पार्ट-1 गांव के एक निवासी के घर में दुर्लभ ‘सालाजार पिट वाइपर’ प्रजाति का पीला-हरा सांप मिला है। सांप को स्नेक कैचर बिश्वजीत बर्मन ने पकड़ा।
बिश्वजीत बर्मन के अनुसार, इस प्रकार के सांप को पहली बार 2019 की गर्मियों में अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी भाग के तराई क्षेत्रों में खोजा गया था। सालाजार पिट वाइपर एक बहुत ही विषैला सांप है। इसके काटने से बचने का कोई रास्ता नहीं है। उनका भोजन छिपकली, उभयचर, पक्षी, चूहे और अन्य छोटे स्तनधारी हैं। सांप की इस प्रजाति की खोज निचले असम में पहली बार की गई है। बर्मन ने कहा कि इस सांप को संरक्षित करने की जरूरत है।
इससे पहले ऊपरी असम के गोलाघाट जिला के अंतर्गत नुमलीगढ़ में गुरुवार सुबह ग्रीन कैट सांप की एक दुर्लभ प्रजाति को बचाया गया था। करीब पांच फीट लंबा सांप पूरी तरह से हरे रंग का होता है। हालांकि, सांप के मुंह का अंदरूनी हिस्सा पूरी तरह से काला है। कुछ स्थानीय लोगों ने सांप की दुर्लभ प्रजाति देखी और मोरंगी इलाके के सांप विशेषज्ञ प्रसेन्नदीप बोरदोलोई को सूचित किया। उसने जाकर बड़ी चतुराई से सांप की जांच की।
बोरदोलोई ने बताया कि सांप की यह प्रजाति पेड़ की शाखाओं पर रहती है। पेड़ की पत्तियों के रंग की तरह होने के कारण लोगों की नजर आसानी से इन पर नहीं पड़ती है। पता चला है कि सांप ने पिछले कुछ दिनों से नुमालीगढ़ तेल रिफाइनरी के शहरी क्षेत्र में एक टेनिस कोर्ट में शरण ली हुई थी। सांप को नुमलीगढ़ के पास देवपहाड़ आरक्षित वन में छोड़ दिया गया।