प्रयागराज: प्रयागराज में गुरुवार को एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यमुनापार के छिवकी जंक्शन पर चलती ट्रेन से महिला यात्री ने अपने एक साल के बच्चे को रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया। यह देख साथ में सफर कर रहे उसके पति ने चलती ट्रेन से छलांग लगा दी। उसने करीब 100 मीटर दूर पड़े बच्चे को दौड़कर गोद में उठा लिया। उसके बाद अस्पताल की तरफ भागा। मौके पर आरपीएफ और जीआरपी दोनों ही मौजूद थी। उन्होंने पिता के साथ उसके बच्चे को नजदीक के अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने बच्चे का प्राथमिक उपचार किया। बच्चे की हालत खतरे से बाहर है।
घटना देख दंग रह गए लोग
प्रयागराज मंडल के छिवकी जंक्शन से गुरुवार को सुबह 7.43 बजे जनता एक्सप्रेस (गाड़ी 03201) मुम्बई की तरफ जा रही थी। जिसमें चुनार, मिर्जापुर जनपद से कोच संख्या बी-2 में सीट संख्या 41-42 पर एक दम्पत्ति अपने एक साल के बच्चे के साथ सफर कर रहा था। ट्रेन जैसे ही छिवकी जंक्शन के प्लेटफार्म पर पहुंची। महिला ने खिड़की से अपने गोद मे लिए बच्चे को नीचे फेंक दिया। यह देख उसका पति चीखते हुए दौड़ा और चलती ट्रेन से कूद गया। तब तक बच्चा उससे करीब 100 मीटर दूर हो गया था। पिता ने दौड़कर उसे गोद में उठा लिया।
बाल-बाल बची दो जिंदगियां
गनीमत ये रही कि उस वक्त कोई ट्रेन नहीं आई। वरना पिता-पुत्र दोनों की जान जा सकती थी। बच्चा गम्भीर रूप से घायल हो गया था। महिला का यह रूप देखकर बोगी के अंदर और उसके बाहर खड़े लोग सन्न रह गए थे। आरपीएफ के सहयोग से जीआरपी ने बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया। हैरानी की बात ये कि कि बच्चे को फेंकने के बाद भी महिला ट्रेन से नहीं उतरी।
चुनार से मुम्बई जा रहा था बच्चे को लेकर दम्पत्ति
पूछताछ में युवक ने अपना नाम शिवम सिंह (29) निवासी गुरुखुली, पड़री, मिर्जापुर बताया। उसकी पत्नी का नाम अंशु सिंह है। शिवम सिंह मुम्बई में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता है। कोरोना काल में घर चला आया था। अब फिर से वह मुम्बई जा रहा था।
दूध पिलाने को लेकर हुआ था विवाद
शिवम ने बताया कि उसकी पत्नी अंशु की दिमागी हालत ठीक नहीं चल रही है। उसका इलाज चल रहा है। यात्रा के दौरान बच्चे को दूध पिलाने को लेकर पति-पत्नी में झगड़ा हो गया था। उसी तैश में आकर अंशु ने बेटे को नीचे फेंक दिया।
पारिवारिक मामला होने से दर्ज नहीं हुई एफआईआर
छिवकी आरपीएफ इंस्पेक्टर जीएस उपाध्याय ने बताया कि पारिवारिक मामला होने के कारण जीआरपी और आरपीएफ ने कोई मामला पंजीकृत नहीं किया है। बच्चा खतरे से बाहर है।