रांची।
जहाँ पूरा विश्व और भारत के अधिकतर भाग कोरोना वायरस को लेके गंभीर है तथा वहां के सभी स्कूल कॉलेजों एवं सिनेमा हाल को बंद किया जा चूका है। वहीँ झारखण्ड इस वायरस को हलके रूप में ले रही है।
झारखंड के पडोसी राज्य बिहार में भी अलर्ट जारी किया गया है तथा वहां के सभी शिक्षण संस्थान को बंद किया जा चूका है। विश्व स्वस्थ संगठन इसको आपदा घोषित कर चुकी है। दुनिया के 123 देशों में कोरोना वायरस फैल चुका है और इसके कारण अब तक पाँच हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। Prevention is better than cure पर झारखण्ड का ध्यान नहीं है। अगर एहतियातन कुछ दिनों के लिए शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया जाए तो कुछ नहीं बिगड़ेगा क्योंकि जान है तो जहान है। ये सबको पता है कि इसका कोई इलाज नहीं है और सिर्फ बचाव ही एक मात्र उपाय है।
झारखण्ड में देखा जाये तो सभी स्कूल और कॉलेज खुले हुए हैं, जहाँ सभी बच्चे आ रहे हैं और आपस में घुल मिल रहे हैं। होली के बाद बहुत से लोग बाहर से आये होंगे और विदेशों से भी। भगवान न करे ये कोरोना वायरस से पीड़ित हों। अगर हुए तो क्या झारखण्ड तैयार है ? अगर गांवों में फैला तो क्या होगा ?
कोरोना वायरस का इन्क्यूवेशन काल 14 से 15 दिन है। विशेषज्ञों के अनुसार ये वायरस 30 से 35 डिग्री के तापमान ख़त्म हो जायेगा। लेकिन बारिश की वजह से रांची तथा अलग स्थानों का तापमान 10 से 20 डिग्री के आस पास है यानि कोरोना के फलने फूलने के लिए उपयुक्त तापमान तैयार है। अगर तापमान बढ़ता भी है तो लोगों को एयर कंडीशन में रहने की आदत है। जिसके चलते कोरोना वायरस आदमी के अंदर जिन्दा रहेगा। इस मौसम में वैसे भी कई लोग बीमार पड़ रहे हैं। आज रांची में बहुत से घरों में लोग सर्दी और खांसी से पीड़ित हैं, यानि उनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता फ़िलहाल कम है और इसी वक़्त ये जान लेवा वायरस झारखण्ड में दस्तक देता है तो स्थिति और भी बिगड़ेगी।
वहीं तीर्थनगरी देवघर में तो विशेष निगरानी और सतर्कता की ज़रूरत है. जहां देश-विदेश से हर रोज़ हज़ारों लोग आ-जा रहे हैं. मंदिर, रेलवे स्टेशन , मॉल , स्कूल , कॉलेज , सिनेमा हाल इत्यादि जगहों में लोग जूट रहे हैं और एक दूसरे से स्पर्श भी हो रहा है।
आज के अख़बारों में ये पढ़ना कि कोरोना वायरस के स्थिति को देख के यहाँ के स्कूल कॉलेज पर निर्णय लिया जायेगा एक चिंता का विषय है। आज के अखबारों से ये तो निश्चित है यहाँ इस वायरस को हलके में लिया जा रहा है। मेरा लोगों से यही आग्रह है की अपना और घर के बुजुर्गों और बच्चों का देखभाल खुद करें। क्योंकि ये आपदा का समय है और इसको मज़ाक में नहीं लेना है।