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गढ़वा के खजूरी डैम की मरम्मत में लेटलतीफी और उसके टूटने पर स्पष्टीकरण तलब


रांची:

गढ़वा के विश्रामपुर प्रखंड में खजूरी डैम की मरम्मत में हुए विलंब पर सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता राजकुमार प्रसाद से मुख्यमंत्री के सचिव सुनील वर्णवाल ने स्पष्टीकरण मांगा है. उनसे पूछा है कि क्यों नहीं उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जाये. उनपर आरोप है कि उन्होंने चिट्ठी-चिट्ठी के खेल और प्रक्रिया के पेंच का हवाला देकर डैम की मरम्मत में देरी कर उसे टूटने दिया. इससे खफा सचिव ने कार्यपालक अभियंता पर टिप्पणी की कि आप जैसे लोगों को पूरा वेतन भी नहीं मिलना चाहिए.

सचिव मंगलवार को सूचना भवन में मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में आई शिकायतों पर हुई कार्रवाई की समीक्षा कर रहे थे. कुल 11 शिकायतों की समीक्षा की गई.

►सत्यानंद भोक्ता इंटर कॉलेज, उंटा, चतरा में वित्तीय अनियमितता आदि मामलों से जुड़ी शिकायत पर वहां के प्राचार्य बने वकील साहब को दो दिन के भीतर हटाने का  निदेश दिया गया. कहा गया कि यह घर की संस्था नहीं है. डीईओ को निदेश दिया गया कि व्यवस्था नहीं सुधरती है, तो कॉलेज की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई करें.

►वहीं हजारीबाग के नवाडीह में मनरेगा के तहत 18 लाख रुपये से हो रहे चेकडैम निर्माण में अधूरा काम कर 12 लाख रुपये की निकासी के दोषी जूनियर इंजीनियर         और सहायक इंजीनियर पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया गया. मामले में दोषियों का वेतन रोकते हुए पैसे की वसूली करने को कहा गया. ससमय पैसा नहीं देने पर      उनपर प्राथमिकी दर्ज करने का निदेश दिया गया.

►पलामू के पाटन प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषाहार नहीं देने तथा सेविका व सेविकाओं को मानदेय नहीं मिलने की शिकायत की जांच स्थल पर जाकर करने के लिए     नोडल पदाधिकारी को अधिकृत किया गया. वह अलग-अलग जगहों पर पांच आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच कर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देंगे.

► दूसरी ओर गोड्डा के आंगनबाड़ी केंद्र नंबर-2 को 15 दिन में एक बार खोले जाने की शिकायत की जांच कर दो दिन में रिपोर्ट देने को कहा गया.

►लातेहार के बरवाडीह में मिट्टी-मोरम पथों का निर्माण कराए बिना राशि की निकासी के मामले में कार्यपालक दंडाधिकारी से जांच कराने का आदेश दिया गया. 
   लघु वन पदार्थ परियोजना, हजारीबाग के चौकीदार जसवंत सिंह की मृत्यु के बाद उनके पुत्र को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने के मामले में यह तय करने को कहा      गया कि यह मसला बिहार सरकार के साथ जुड़ा है या झारखंड सरकार से. 

►वहीं जिला उद्योग केंद्र, गुमला से बतौर परियोजना पदाधिकारी सेवानिवृत हुए उत्तम कुमार दास के सेवानिवृति लाभ के मामले में कहा गया कि अगर उनकी सेवा         नियमित नहीं थी, तो मामले को निरस्त करें.

 ►दूसरी ओर झारखंड राज्य खाद्य निगम लिमिटेड, रांची से सेवानिवृत हुए सुदामा प्रसाद द्वारा अंतर देय राशि की मांग के मामले में निर्देश दिया गया कि अगर वह         अंतर देय राशि के हकदार नहीं हैं, तो इस मसले को खत्म करें.  

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