Deoghar: दो साल बाद इस वर्ष श्रावणी मेला (Shravani Mela 2022) आयोजन की तैयारी जोरों पर है। उम्मीद से ज्यादा श्रद्धालुओं के बाबाधाम आने की संभावना है। ऐसे में व्यवस्था में कहीं चूक न रहे इसकी तैयारी में जिला प्रशासन जुटा है। दुरुस्त व्यवस्थाओं में इस बार मेले के दौरान शीघ्रदर्शनम के तहत जलार्पण कराने की व्यवस्था में पूरी तरह से बदलाव दिखेगा।
दरअसल, शीघ्रदर्शनम के तहत श्रद्धालुओं को जलार्पण कराने के लिए अलग ब्रिज का ही निर्माण हो रहा है। इस बात की जानकारी देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने मीडिया को दी। सोमवार को बाबा मंदिर की विधि व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे देवघर डीसी ने बताया कि बाबा मंदिर आये कांवरियों को सुलभ एवं सुरक्षित जलार्पण कराना मंदिर व जिला प्रशासन की पहली प्राथमिकता में शामिल है।
डीसी ने बताया कि श्रावणी मेला से पहले शीघ्रदर्शनम ब्रिज को टी-जंक्शन से अलग कर दिया जायेगा। इससे भक्तों को कतार में धक्का-मुक्की की शिकायत से भी निजात मिलेगा। मंदिर में शीघ्रदर्शनम को टी-जंक्शन से अलग कर संध्या मंदिर व महाकाल भैरव मंदिर के बीच से निकालकर फिल पाया तक अलग से उतारा जायेगा। ब्रिज 42 मीटर लंबा एवं एक मीटर चौड़ा होगा। इस ब्रिज के निर्माण में कुल 46 लाख 300 रुपये खर्च किये जायेंगे।
उन्होंने बताया कि शीघ्रदर्शनम कूपन लेने वाले भक्तों की कतार को कहीं पर भी जेनरल कतार में टच नहीं कराया जायेगा। टी-जंक्शन की व्यवस्था पूरी तरह से खत्म हो जायेगी। जिससे धक्का-मुक्की या अफरा-तफरी की सम्भावना खत्म हो जायेगी।
बता दें कि शीघ्रदर्शनम ब्रिज के लिए एनआरइपी ने टेंडर निकाला था। सभी टेंडर को आज खोला गया है। डीपीआर के अनुसार, ब्रिज को बड़ा घंटा के पास से मोड़कर जेनरल कतार के ब्रिज के बगल में सटाकर महाकाल मंदिर के बगल मोड़ के पास से रैंप बनाकर वर्तमान ब्रिज से सटाकर फिल पाया तक ले जाया जायेगा। फिल पाया के पास निकलकर सीधे बाबा मंदिर के प्रवेश-द्वार के पास निकल कर गर्भगृह में भक्तों को प्रवेश कराने की व्यवस्था होगी। इससे किसी कतार में न तो जाम लगेगा और न ही अफरा-तफरी की संभावना होगी।