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धर्म।
इस वर्ष वसंत पंचमी 16 फरवरी, मंगलवार के दिन मनाई जाएगी। बसंत पंचमी (Basant Panchami) के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती (Maa Sarswati) की आराधना की जाती है। पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का त्योहार माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है।
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हिंदू धर्म में इस दिन को बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व है। मां सरस्वती के आशीर्वाद से ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होती है। बसंत पंचमी के दिन से ही वसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है। इस दिन लोग पीले रंग धारण करते हैं और मां सरस्वती की पूजा कर उनकी कृपा पाते हैं।
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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ज्ञान की देवी मां सरस्वती शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ब्रह्माजी के मुख से प्रकट हुई थीं। पूरे विधि विधान से मां सरस्वती की पूजा की जाए तो वह प्रसन्न होती हैं, उनकी कृपा बरसती है और सारी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस दिन पूजा करने के लिए सबसे पहले स्नान करें और पीले या श्वेत वस्त्र धारण करने चाहिए। इसके बाद मां सरस्वती की प्रतिमा को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करने चाहिए। साथ ही पीले पुष्प, पीले रंग की मिठाई भी अर्पित की जानी चाहिए। इस अवसर पर मां सरस्वती की वंदना का पाठ करना अच्छा माना जाता है। साथ ही उनको केसर या पीले चंदन का टीका जरूर लगाएं।
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बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त
16 फरवरी को सुबह 3 बज कर, 36 मिनट पर पंचमी तिथि प्रारंभ होगी। यह 17 फरवरी को सुबह 5 बज कर, 46 मिनट पर समाप्त होगी। वहीं 16 फरवरी को सुबह 6 बज कर, 59 मिनट से दोपहर 12 बज कर, 35 मिनट के बीच सरस्वती पूजा का मुहूर्त रहेगा।