देवघर।
दिनांक 15 जुलाई की रात में विलियम्स टाउन, देवघर के एक युवक की मौत की खबर अखबारों में आई। यह मौत कोरोना संक्रमण के कारण नही हुई है। यह मौत कोरोना से उत्पन्न आर्थिक संकट के चलते तनाव से हुई । वह युवक होटल में काम करता था ।करीब चार महीने से होटल बंद है । बंदी की वजह से उनकी रोजी चली गई थी। वे मधुमेह के रोगी थे । ईलाज की बात तो दूर, उनके पास खाने के लिए पैसे नही थे ।मकान भाड़े की चिंता उन्हे सता रही थी । तनाव से मौत हो गई।
कल यानी 17 जुलाई को बरोरा /बाघमारा थानांतर्गत दो युवकों ने तंगी के कारण खुदकुशी कर ली। लाकडाउन के चलते दोनों की आउटसोर्सिंग की नौकरी छूट गई थी । इस तरह की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है । अवसाद में जाना भी कोरोना महामारी का एक साइड इफेक्ट है । केवल बुजुर्ग ही नही अवसाद के शिकार युवक भी हैं, जिनकी रोजी रोटी समाप्त हो गई है ।
दी हिन्दू ; दैनिक समाचार पत्र में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुआ है । यह रिपोर्ट भारत की राजधानी दिल्ली की है । रिपोर्ट में कहा गया है कि वैसे मरीज जिन्हें ईमरजेन्ट, ऑपरेशन या ईलाज की जरूरत थी, कोरोना के चलते उन्हे अस्पताल में भर्ती नही किया जा सका, और उनकी मृत्यु हो हो गई ।यह केवल राजधानी की बात नही है, अन्य महानगरों एवं बड़े शहरों जहां कोरोना का कहर है, यही स्थिति है ।
दी हिन्दू में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार कोरोना के चलते बी पी एल के नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में 10-15 प्रतिशत की वृद्धि हो जाएगी । रिपोर्ट के अनुसार गरीबी रेखा (पोवरटी लाइन ) तय करने के जो भीमापदंड हों यानी मसलन् के तौर पर -प्रति व्यक्ति प्रति माह उपभोग व्यय, प्रोफेसर तेंदुलकर समिति द्वारा निर्धारित मानदंड, नीति आयोग द्वारा तय पैमाना या अन्य कोई गरीबी में 10-15 प्रतिशत तक की वृद्धि का अनुमान है।
कोरोना का एक गंभीर साइड इफेक्ट आमलोगों पर लाकडाउन से उत्पन्न स्फीतिक (इनफ्लेशनरी ) दबाव है, काला बाजारी, मुनाफाखोरी हैं । विक्रेताओं ने मास्क, सेनिटाइजर में भी मुनाफाखोरी की । आम उपभोग की सामग्री की कीमतों में 10-20 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। कोरोना के चलते इस पर ध्यान केन्द्रित नही किया जा पा रहा है। जो दाल लाकडाउन के पूर्व 60 रुपये केजी मिल रहा था, वह 80 रूपये केजी के भाव मिल रहा है। ब्रेड स्लाइस जो 20 रूपये में मिलता था, अब 30 रूपये में बिक रहा है। टमाटर 80 रूपये केजी बिक रहा है । आलू जो आम लोगों के उपभोग की है, उसकी कीमत बढ गई है।
कोरोना के उपर्युक्त सभी साइड इफेक्ट्स हैं, जिन पर भी नियंत्रण आवश्यक है।