Bamra(Odhisa): बामड़ा रेल क्रियान्वयन कमेटी (Bamra Rail Implementation Committee) और ग्रामीणों द्वारा 30 मार्च को बामडा स्टेशन में बुलाए गए महा रेल रोको अभियान के तहत रेलवे ट्रैक जाम कर दिया गया है. सैंकड़ों की संख्या में लोग रेलवे ट्रैक पर अपनी मांगों के समर्थन में अड़े हैं.
बुलाए गए बंद में बामड़ा के सभी दुकान, बाजार, स्कूल, कालेज, सरकारी कार्यालय तथा बस व अन्य वाहनों का यातायात भी बंद है। बामड़ा रेल क्रियान्वयन कमेटी का कहना है कि कोरोना काल में बामड़ा स्टेशन से हटाए गए सभी एक्सप्रेस ट्रेनों का स्टापेज बहाल करने के लिए चक्रधरपुर डीआरएम, दक्षिण पूर्व रेलपथ के जीएम, रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव, संबलपुर सांसद नितेश गंगदेव, कुचिंडा विधायक किशोरचंद्र नायक, पूर्व विधायक रवि नारायण नायक, डीआरयूसीसी सदस्य पूर्व विधायक वृंदावन माझी, संबलपुर डीएम, एसपी, कुचिंडा एसडीएम को कई बार ज्ञापन सौंपने के बावजूद रेल विभाग मांगों की अनसुनी करती रही।
इससे नाराज बामड़ा रेल क्रियान्वयन कमेटी सुबह 6 बजे से रेल रोक रखा है।
Railway ट्रैक जाम होने से दर्जनों लंबी दूरी की रेलगाड़ियां बामरा स्टेशन के पीछे विभिन्न स्टेशनों पर खड़ी हैं. जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
भारी संख्या में पुलिस टीम मौके पर मौजूद है. अधिकारी और स्थानीय नेता लोगों को समझा बुझा कर ट्रैक से जाम हटाने की कोशिश में लगे हैं. लेकिन ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं.
स्टापेज बहाल कर नहीं दिया टिकट ग्रामीणों का कहना है कि रेल विभाग हावड़ा अहमदाबाद एक्सप्रेस, दुर्ग दानापुर दक्षिण बिहार एक्सप्रेस, राउरकेला भुवनेश्वर इंटरसिटी का ठहराव तो शुरू कर दी है। लेकिन पीआरएस सिस्टम में स्टापेज शो नही करने से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बामड़ा से इन ट्रेनों को टिकट भी उपलब्ध नहीं हो रहा है।
राउरकेला पूरी पैसेंजर और झारसुगुड़ा हटिया पैसेंजर को एक्सप्रेस का दर्जा देकर एक्सप्रेस का भाड़ा वसूला जा रहा है। जबकि दोनों ट्रेने सभी छोटी बड़ी स्टेशन में खड़ी होती है। पिछले कई दशकों से बामड़ा में रुकने वाली धनबाद एलपी एक्सप्रेस, पूरी हृषिकेश उत्कल एक्सप्रेस तथा जम्मू तवी एक्सप्रेस और हावड़ा टिटलागढ़ इस्पात एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव भी बहाल नहीं किया गया है।
बामड़ा स्टेशन पर समूचे कुचिंडा अनुमंडल, सीमावर्ती सुंदरगढ़, झारसुगुड़ा एवं देवगढ़ जिले के कई प्रखंड के रेल उपभोक्ता निर्भर करते हैं। बामड़ा रेल स्टेशन और रेलपथ निर्माण में बामड़ा रियासत के राजाओं ने अहम भूमिका निभाई थी।