■ दुर्गा पूजा व धार्मिक स्थलों को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी सह अनुमंडल दंडाधिकारी ने जारी किया दिशा-निर्देश
देवघर।
अनुमंडल पदाधिकारी सह अनुमंडल दंडाधिकारी दिनेश कुमार यादव द्वारा जानकारी दी गयी है कि 08 अक्टूबर को झारखण्ड सरकार द्वारा अनलाॅक-05 से संबंधित दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है। इसके तहत राज्य में कन्टेनमेंट जाॅन के बाहर सभी धार्मिक स्थल खोले जायेंगे।
■ निम्नलिखित दिशा निर्देश
●पूजा स्थलों अथवा धार्मिक स्थलों पर लोगों को 6 फीट की न्यूनतम दूरी का पालन करना अनिवार्य होगा।
● सामाजिक दूरी को सुनिश्चित करने हुए आगंतुकों को चक्कर लगवाना
● दंडाधिकारी श्रद्धालुओं को ऑनलाइन एंट्री पास के माध्यम से प्रवेश की अनुमति देंगे
●सभी लोगों को तभी प्रवेश मिलेगा जब वे फेस कवर अथवा मास्क का प्रयोग करेंगे
●पुजारियों पुरोहितों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा विशेषकर जब वे मंत्रोच्चारण अथवा प्रार्थना कर रहे हो।
●किसी भी मूर्ति पवित्र ग्रंथ घंटी आदि को छूने की अनुमति नहीं होगी।
● प्रसाद या भोग चढ़ाने की अनुमति नहीं होगी।
●पवित्र जल/नीर भोग प्रसाद आदि के वितरण पर मनाही रहेगी
●सामूहिक रूप से गीत गायन की भी अनुमति नहीं होगी।
●किसी भी प्रकार के जुलूस के आयोजन पर रोक रहेगी।
●किसी भी व्यक्ति द्वारा उपरोक्त निर्देशो के विरुद्ध कार्य करते है तो संबंधित व्यक्ति पर आपदा प्रबंधन एक्ट-2005 के धार 51-60 के अलावे भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के साथ-साथ अन्य कानूनी प्रवधान के तहत कार्यवाही की जाएगी।
इसके अलावे अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा जानकारी दी गई कि दुर्गा पूजा पंड़ालों में चार फीट से ऊंची मूर्ति
■ दुर्गा पूजा को लेकर जारी किया गया आदेश
● दुर्गा पूजा का आयोजन मंदिर, घरों के अलावा छोटे स्तर पर तैयार किये गये पंडालों में किया जा सकता है, जहां किसी तरह का कोई भीड़ नहीं होगी, सिर्फ पूजा होगी।
● पंडालों को ऐसा बनाया जाना है, जिसमें बाहर से कोई मूर्ति नहीं दिख सके और ना ही भीड़ लग सके।
● किसी तरह की लाइटिंग पूजा पंडाल या आसपास के इलाके में करने पर पाबंदी रहेगी।
● किसी तरह का थीम पर कोई पंडाल या मंडप नहीं बनेगा।
● किसी तरह का तोरण द्वार या स्वागत गेट किसी भी आयोजन के दौरान नहीं बनाया जायेगा।
● सिर्फ पंडाल में जहां मूर्ति रहेगी, वहीं ढंका हुआ रहेगा नहीं तो सारा एरिया खुला हुआ रखने को कहा गया है।
● मूर्ति की साइज सिर्फ 4 फीट की ही होनी चाहिए।
● किसी तरह का कोई पब्लिक एड्रेस सिस्टम, लाउडस्पीकर सिस्टम नहीं रहेगा।
● किसी तरह का मेला नहीं लगेगा।
● किसी तरह का फूड स्टॉल नहीं लगेगा।
● दुर्गा पूजा के पंडाल में एक समय में पुजारी और आयोजक को मिलाकर सिर्फ 7 लोग ही रह सकते है।
● किसी तरह का विसर्जन का जुलूस नहीं निकलेगा, सिर्फ प्रशासन जहां तय करेगा, वहां सादगी से जाकर विसर्जन कर दिया जाना है।
● किसी तरह का सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा।
● किसी तरह का कोई प्रसाद, भोग वितरण या भोज कराने की इजाजत नहीं होगी।
● किसी तरह का कोई आमंत्रण भी नहीं बांटना है।
● किसी तरह का पंडाल या मूर्ति का उदघाटन कार्यक्रम नहीं होगा।
● किसी तरह का गरबा या डांडिया का कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा।
● रावण का पुतला दहन को लेकर किसी तरह का कोई बड़ा आयोजन करने पर रोक रहेगी।
● सारे आयोजन के दौरान जो आयोजक और पुजारी है, वे मास्क पहने होने चाहिए।
● आपस में 6 फीट का पब्लिक डिस्टेंस अनिवार्य रूप से लागू रहेगा।
● जो लोग पूजा पंडाल या मंडप में होंगे, वे लोग सफाई का ख्याल रखेंगे और कोविड-19 के सारे प्रोटोकॉल का पालन करेंगे।
● पूजा के आयोजित स्थानीय प्रशासन के आदेशों का पालन करने के लिए बाध्य होंगे।
● अगर किसी ने इस तरह के नियम का उल्लंघन किया तो उनके खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी।