नई दिल्ली।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कोविड-19 पर किसी भी मौसम का असर नहीं दिखाई पड़ रहा है। जिसके चलते इस खतरनाक वायरस पर अंकुश पाना मुश्किल होता दिख रहा है।
कोरोना से पूरी दुनिया जूझ रही है। महामारी का प्रकोप इस कदर बढ़ता जा रहा है कि संक्रमित लोगों का वैश्विक आंकड़ा दो करोड़ के स्तर को पार करने ही वाला है। अब तक दुनिया में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है।
डब्ल्यूएचओ के आपात मामलों के प्रमुख डॉ. माइकल रेयान ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि श्वसन तंत्र पर हमला करने वाले इंफ्लुएंजा जैसे वायरसों की तरह कोरोना नहीं है। इंफ्लुएंजा खासतौर पर सर्दी के मौसम में होता है। जबकि कोरोना का संकरण गर्मी में भी बढ़ती ही चला गया। हालांकि पूर्व में कुछ वैज्ञानिकों द्वारा अनुमान लगाया गया था कि यह वायरस गर्मी में कमजोर पड़ जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं देखा गया।
रेयान ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की यह वैश्विक एजेंसी लगातार उन देशों को भी संक्रमण की रोकथाम संबंधी सलाह दे रही है, जहां महामारी पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा चुका है। वहीं, शारीरिक दूरी और मास्क पहनने जैसे जरूरी उपायों के पालन को भी जारी रखने पर जोर दिया जा रहा है।