देवघर।
देवघर में हनुमान टिकरी के पास स्थित एलओकेसी धाम की रजिस्ट्री 29 अगस्त 2019 को की गयी. रजिस्ट्री नंबर है-770. प्रॉपर्टी रजिस्ट्री की गयी है ऑनलाइन एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा. इस कंपनी की डायरेक्टर हैं अनामिका गौतम. अनामिका गौतम गोड्डा सांसद डॉ.निशिकांत दुबे की पत्नी हैं. अब इस प्रॉपर्टी की खरीददारी को लेकर बम्पास टाउन निवासी विष्णुकांत झा ने निशिकांत दुबे पर आरोप लगाये हैं. हालाँकि, इस आरोप को सांसद निशिकांत दुबे ने बेबुनियाद बताया है.
एमपी निशिकांत ने जानकारी दी :-
दरअसल, अनामिका गौतम द्वारा एलओकेसी धाम की खरीददारी साल 2009 में ही की गयी थी. लेकिन, कुछ विवाद के कारन मामला कमिश्नर कोर्ट तक गया, जिसका फैसला साल 2018 में आया. जिसके बाद प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री 29 अगस्त 2019 को की गयी. जिसमें प्रॉपर्टी के सरकारी वैल्यूएशन 18 करोड़ 94 लाख 16 हज़ार के आधार पर 75 लाख 77 हज़ार स्टाम्प ड्यूटी दी गयी. ये स्टाम्प ड्यूटी ऑनलाइन एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दी गयी. इतना ही नहीं दो करोड़ रूपये ऑनलाइन एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा रजिस्ट्रेशन टैक्स के तौर पर बैंक टू बैंक जमा भी किया गया है.
दिलचस्प बात ये है कि रजिस्ट्रेशन की राशि जमा करने के बाद भी प्रक्रिया पूरा होने में छह माह से ज्यादा का वक्त लग गया, जिसका इंटरेस्ट सहित 15 लाख का क्लेम झारखण्ड सरकार के पास अटका हुआ है. इस राशि की प्राप्त करने के लिए कंपनी द्वारा पत्र भी सरकार को लिखा गया है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि जब इस प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री जब सभी प्रावधानों के तहत भुगतान कर की गयी तो सरकारी राजस्व के नुकसान का आरोप कोरा बकवास है.
इस मामले पर सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर सरकार को जाँच के लिए चैलेन्ज भी किया है. सांसद ने लिखा है " मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी देवघर की यह सम्पत्ति आपकी तरह बेनामी नहीं है, मेरे पत्नी के नाम की है , झारखंड सरकार को पूरा 1 करोड़ 60 लाख का राजस्व चेक से पेमेंट किया है, जितनी हिम्मत है उतनी जॉंच करिए."
आरोप क्या है-
देवघर के बम्पास टाउन निवासी विष्णुकांत झा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में सांसद निशिकांत के खिलाफ शिकायत की गयी है कि सांसद निशिकांत दुबे ने अपने राजनीतिक प्रभाव का जोर दिखा कर करीब 20 करोड़ की कीमतवाली प्रॉपर्टी (एलओकेसी धाम) सिर्फ तीन करोड़ में अपनी पत्नी के नाम खरीदी है. ऐसा करने से सरकार को लाखों रुपये के राजस्व का घाटा हुआ है. शिकायतकर्ता ने मुख्य सचिव और देवघर उपायुक्त को भी शिकायत की कॉपी सौंपी है.